अंग्रेजी साहित्य में शोध के लिए कविताएं, उपन्यास, नाटक, निबंध प्राथमिक स्रोत : प्रो. जाओडकर

  • सांची विश्वविद्यालय में प्रो. विकास जाओड़कर ने बताए शोध लिखने के तरीके
  • शोध में एम.एल.ए स्टाइलशीट, हाईपोथीसिस और साइटेशन का महत्व किया रेखांकित

भोपाल 
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा बुधवार को अंग्रेजी साहित्य में शोध कैसे किए जाएं पर हमीदिया कॉलेज भोपाल में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. विकास जाओड़कर का व्याख्यान हुआ। 

एमए, एमफिल और पीएचडी छात्रों को प्रो. जाओडकर ने शोध के विषय का चयन कैसे किया जाए, शोध निबंध व  शोध पत्र में क्या अंतर होता है, अंग्रेजी साहित्य में उच्च शिक्षा के उपरांत करिअर विकल्प पर बात की। छात्रों को प्रो. जाओडकर ने बताया कि कितने प्रकार से किसी शोध पत्र को प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने शोध पत्र (थीसिस) लिखने के लिए स्टाइल शीट का प्रयोग का सुझाव दिया। प्रो. जाओड़कर ने छात्रों को बताया कि शोध परिकल्पना को कैसे समझा जाए और किसी भी छात्र के विषय के लिए परिकल्पना क्या हो सकती है। उन्होंने शोध हेतु विभिन्न स्रोतों का भी जिÞक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे अंग्रेजी साहित्य में शोध के लिए कविताएं, उपन्यास, नाटक, निबंध इत्यादि प्राथमिक स्रोत होते हैं। 

अंग्रेजी भाषा की प्रसिद्ध उपन्यासकार और पत्रकार कमला माकंर्डेय पर किए गए एक शोध के हवाले से विश्वविद्यालय के शोध छात्रों को बताया कि शोध को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को शोध हेतु किए जाने वाले उद्धरण, एंटी प्लेगिरिज्म (साहित्य चोरी) के विरुद्ध बने यूजीसी के नियमों के विषय में बताया। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता और अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन मेहता ने प्रो. विकास जाओड़कर को इस विशिष्ट व्याख्यान को प्रस्तुत करने और छात्रों का ज्ञानवर्धन करने के लिए अभार व्यक्त किया। 

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