वन विभाग के कर्मी लगे चुनाव ड्यूटी पर, तांत्रिक करा रहे बाघों की हत्या

जबलपुर 
भारत की सतपुड़ा-मैकल पहाड़ियों को दुनिया में बाघों का सबसे बड़ा प्राकृतिक घर माना जाता है. लोकसभा चुनाव के कारण यहां के वन अधिकारियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. पिछले कुछ दिन में इस क्षेत्र से बाघों के गायब होने की खबरें मिली हैं. शक किया जा रहा है कि गांववाले पैसों या काले जादू के लिए बाघों को मार रहे हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच स्थित इस इलाके के वन अधिकारी इन दिनों चुनावों में व्यस्त हैं. सारे विभागी वाहन चुनावी ड्यूटी पर लगा दिए गए हैं. 

अधिकारियों ने सरकार से फील्ड स्टाफ को ड्यूटी से छूट देने का आग्रह किया था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार के अनुसार, 'हमने दो बाघों और एक शावक की हड्डियां और खाल बरामद की हैं'

परिहार ने बताया कि कथित काला जादू करने वालों पर नजर रखी जा रही है. ये बाघों के संरक्षण में बड़ी रुकावट हैं. तांत्रिक बाघों के पंजे और बाल निकाल लेते हैं और काला जादू करते हैं. उन तांत्रिकों का दावा होता है कि इससे आसमान से पैसों की बारिश होगी. गांववाले उनकी बात मान भी जाते हैं.

एक ही हफ्ते में दोनों राज्यों में जॉइंट ऑपरेशन चलाकर करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनसे बाघों की खाल, पंजे और बाल भी बरामद किए गए हैं. पेंच रिजर्व से नागपुर वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ की हड्डियां बरामद की थीं. तीन शिकारियों रामदास भंगु चव्हाण, तारासिंह शिवप्रसाद राठौड़ और भीकम सिंह जीतसिंह राठौड़ को नागपुर में गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों का मानना है कि आने वाले हफ्ते में 25 लोगों को और गिरफ्तार किया जा सकता है.

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