लोकसभा चुनाव 2019: राधामोहन, रघुवंश समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

पटना 
बिहार में लोकसभा चुनाव के छठे चरण की 8 सीटों में वाल्मीकि नगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज में चुनाव हो रहे हैं. इन सीटों पर केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह सहित आधा दर्जन बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.

इस फेज के चुनाव में जहां कई नेताओं की विरासत की राजनीति का भविष्य तय होना है, वहीं यह चुनाव यह तय करेगा कि पहली बार संसदीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर जनता कितना भरोसा करती है?

लगभग सभी सीटों पर एनडीए बनाम महागठबंधन की लड़ाई ही दिखती है और इसमें करीब आधा दर्जन दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है. आइये हम ऐसे ही दिग्गजों के सियासी समीकरण पर नजर डालते हैं.

इस संसदीय सीट से पांच बार के सांसद रहे राधामोहन सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि वे अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने जो RLSP उम्मीदवार आकाश सिंह हैं. हालांकि वे राजनीति नए हैं. ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौती न सिर्फ जीतने की है बल्कि जीत का मार्जिन भी बरकरार रखने की है. क्योंकि 2014 के चुनाव में राधामोहन सिंह को 49 प्रतिशत वोट मिले थे और निकटतम उम्मीदवार से 2 लाख मतों से जीते थे.

वैशाली का चुनाव अपने आप में बेहद दिलचस्प होने वाला है. रघुवंश प्रसाद सिंह 1996 से इस इलाक़े का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं, हालांकि 2014 की मोदी लहर में लोजपा के राम किशोर सिंह के ख़िलाफ़ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पिछली बार लोजपा के राम किशोर सिंह को रघुवंश प्रसाद सिंह की तुलना में 10 प्रतिशत वोट ज्यादा मिले थे. हालांकि इस बार एनडीए की प्रत्याशी नई हैं लेकिन वह भी राजपूत बिरादरी से हैं. ऐसे में 2014 का चुनाव हार चुके रघुवंश बाबू के सामने इस इतिहास को बदलने का दारोमदार भी होगा.

2014 के लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट पर बीजेपी की रमा देवी ने जीत हासिल की थी. पिछले दो बार से यहां बीजेपी का कब्जा है. रमा देवी तीसरी बार सांसद बनने के लिए बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. रमा देवी ने 2014 के चुनाव में आरजेडी के मोहम्मद अनवारुल हक को शिकस्त दी थी. जीत का अंतर लगभग एक लाख 40 हजार वोटों का रहा था. महागठबंधन की तरफ से आरजेडी के सैयद फैजल अली चुनौती देने उतरे हैं.

राजपूत बहुल इस सीट पर 2014 के चुनाव में यहां से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बीजेपी के टिकट पर जीतकर सांसद बने थे. 2014 के चुनाव में बीजेपी के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने दबंग छवि के प्रभुनाथ सिंह को मात दी. सिग्रीवाल को 3,20,753 वोट मिले थे. जबकि आरजेडी के प्रभुनाथ सिंह को 2,82,338 वोट. इस सीट पर राजपूत समुदाय से आने वाले बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है. वे यहां से 4 बार सांसद रहे हैं. हालांकि विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में वे अभी जेल में हैं. आरजेडी ने प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को सिग्रीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा है.

इस सीट पर बीजेपी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. पिछले दो बार से यहां से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संजय जायसवाल जीतते रहे हैं. दोनों चुनाव में उन्होंने फिल्म निर्देशक प्रकाश झा को हराया था. 2009 में वे एलजेपी और 2014 में जेडीयू के टिकट पर उतरे थे. अब बीजेपी-जेडीयू एक साथ हैं. बीजेपी की तरफ से डॉ. संजय जायसवाल फिर मैदान में हैं. महागठबंधन की ओर से रालोसपा के डॉ. ब्रजेश कुमार कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं.

चंपारण की वाल्मीकिनगर सीट 2009 में अस्तित्व में आई. उसके बाद के दोनों चुनाव जेडीयू और बीजेपी ने जीते हैं. इस बार दोनों दल एक साथ हैं और जेडीयू के वैद्यनाथ प्रसाद महतो मैदान में हैं. 2014 में इस सीट से बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. उन्हें 3,64,013 वोट मिले थे. जबकि जेडीयू उम्मीदवार को 81,612 वोट. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार को 2,46,218 वोट मिले थे. आरजेडी और कांग्रेस साथ मिलकर इस चुनाव में उतरी थीं.

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