लोकसभा चुनाव : बीजेपी और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला 

भोपाल
राजगढ़ लोकसभा सीट राज्य की वीआईपी सीटों में से एक है। यहां सबसे ज्यादा कांग्रेस ने राज किया है। लक्ष्मण सिंह और दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली इस सीट को पिछले चुनाव में भाजपा ने छीनी थी। इस बार मुकाबला कांटे का है। भाजपा ने सांसद रोडमल नागर को फिर मैदान में उतारा है। नागर को टिकट देने का स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ था। उधर कांग्रेस ने पहली बार महिला प्रत्याशी के रूप में मोना सुस्तानी को टिकट दिया है।  सीट को भाजपा से छीनने के लिये पूरा दारोमदार सिंह भाइयों पर है। बसपा पिछले चुनाव में तीसरे नम्बर पर थी। 

राजगढ़ के विकास में सबसे बड़ी उपलब्धि मोहनपुरा और कुंडालिया बांध का निर्माण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फीता काटने आये थे। इन परियोजनाओं का श्रेय लेने भाजपा और कांग्रेस में होड़ है। यहां हाईवे की डिमांड पुरानी है। स्थानीय रोजगार दिलाने और पलायन रोकने को लेकर आवाजें उठ रही हैं। उद्योग की भी मांग है। 

यहां की 81.39 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण इलाके में रहती है और 18.61 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में। क्षेत्र में गुर्जर, यादव और महाजन वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। ये चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं।
पांच सीटों पर कांग्रेस
चचौड़ा, ब्यावरा, सारंगपुर, राघोगढ़, राजगढ़, सुसनेर, नरसिंहगढ़ और खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 5 पर कांग्रेस और 2 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 1 सीट पर निर्दलीय विधायक है।

 पांच साल में संसद में उपस्थिति 95 फीसदी रही। इस दौरान 261 बहस में हिस्सा लिया।  आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कच्चे तेल की कीमत जैसे अहम मुद्दों पर संसद में सवाल किया। सांसद निधि का 90.02 फीसदी खर्च किया। मोहनपुरा और कुंडालिया बांध से सिंचाई का पानी मिलना उपलब्धि है।

राजगढ़ की सांसद बनी तो ग्रामीण स्तर पर विशेष फोकस रहेगा। युवाओं, किसानों, और महिलाओं के लिये काम करुंगी। गांव के लोगों को गांव में ही इलाज मिलेगा। केन्द्र और प्रदेश की योजनाओं का क्रियान्वयन कराना प्राथमिकता होगी। राजगढ़ में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने बड़े उद्योग के लिये प्रयास होगा। 

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