लॉकडाउन में शराब कारोबारी कम बिक्री से घाटे के चलते परेशान, UP फॉर्मूले पर अमल चाहते है कारोबारी

भोपाल
लाकडाउन के कारण शराब दुकाने बंद रहने और दुकाने खोलने के लिए किसी प्रकार की आर्थिक छूट नहीं मिलने के बाद शराब कारोबारी लॉकडाउन में मुफ्तखोरी और कम बिक्री से होंने वाले घाटे के चलते परेशान है। ऐसे में शराब ठेकेदारों ने अपनी दुकाने बंद करने का निर्णय लिया है। कुछ दुकानें आज से बंद हो जाएंगे और बाकी दुकानें भी एक-दो दिन में बंद हो जाएंगी।

इस बीच यह भी आरोप है शराब की खपत कम होने के बावजूद कुछ असरदार लोग मुफ्त में शराब की मांग कर रहे हैं। शराब दुकानें खुलने के बाद शराब कारोबारी मुफ्त में शराब उपलब्ध कराए जाने की मांगे से परेशान हैं।  

गैरतलब है कि मार्च में लाकडाउन घोषित होंने के बाद से  मई तक शराब दुकाने बंद रही। अब शराब की बिक्री घटकर तीस फीसदी रह गई है। ऐसे में शराब कारोबारियों को ठेका कीमत निकालना मुश्किल हो रहा है। शराब कारोबारी शराब दुकाने बंद रहने की अवधि की लाइसेंस फीस में छूट दिए जाने, बिक्री के आंकड़ों के आधार पर शुल्क वसूलने और सारे ठेके निरस्त कर नई परिस्थितियों के अनुकूल मूल्य निर्धारण कर फिर से ठेके किए जाने की मांग कर रहे है। इसको लेकर तीस शराब ठेकेदारों के समूह ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है। इस पर 27 मई को सुनवाई होना है।

लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान और अपनी मांगों को लेकर शराब कारोबारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसकी सुनवाई 27 मई को होना है। कारोबारियों की नजर अब इस सुनवाई पर टिकी हुई है। शराब कारोबारियों की याचिका पर 27 मई को फैसला आ सकता है।

उत्तरप्रदेश सरकार ने हाल ही में शराब की बिक्री के आधार पर लाइसेंस फीस जमा कराने का फेसला लिया है। शराब कारोबारी मध्यप्रदेश में भी यही निर्णय लागू कराना चाहते है। ताकि उन्हें घाटा नहीं उठाना पड़े। दूसरी मांग शराब कारोबारियों की यह है कि मौजूदा ठेके निरस्त कर राशि वापस की जाए और नए सिरे से मूल्यांकन कर फिर ठेके किए जाए।

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