लॉकडाउन की हकीकत जांचने रात में बाइक पर निकले डीएम, सिपाही ने पकड़ा तो ली ‘क्लास’

 
रामपुर

जिलाधिकारी अपने जिले के सर्वेसर्वा होते हैं। जिले का पुलिस कप्तान भी जिलाधिकारी (डीएम) को सैल्यूट ठोकता है, लेकिन उसी पुलिस महकमे के एक सिपाही ने ‘डीएम’ को हड़का दिया। दरअसल, लॉकडाउन में आधी रात को मोटरसाइकिल पर शहर में घूमते मिले डीएम की सिपाही ने ‘क्लास’ ली। सिपाही ने डीएम को लॉकडाउन की अहमियत समझाई। यह भी बताया कि आधी रात लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्यवाही और सजा क्या-क्या हो सकती है?
सिपाही के हड़काने के बाद भी डीएम साहब ने अपनी पहचान नहीं जाहिर की। जैसा सिपाही ने समझाया उसके मुताबिक डीएम साहब ने अपनी मोटर साइकिल वापस की और मौके से चुपचाप चले गए। यह बात है शुक्रवार को आधी रात के वक्त की। सिपाही से लॉकडाउन का चुपचाप सबक लेने वाले खुद थे रामपुर जिले के डीएम आंजनेय कुमार सिंह।

वही जिलाधिकारी रामपुर, जिन्होंने कुछ महीने पहले ही यूपी के पूर्व दबंग मंत्री आजम खान को जेल में डाल दिया। सूत्रों के मुताबिक, जिलाधिकारी ने जिले की तमाम खुफिया सूचनाएं इकट्ठी करने के लिए अपने कुछ विश्वासपात्रों की टीम बना रखी है ताकि उन्हें जिले की तमाम महत्वपूर्ण सूचनाएं पाने के लिए सिर्फ और सिर्फ पुलिस पर निर्भर न रहना पड़े। यही वजह थी कि, रात में लॉकडाउन की हकीकत परखने के लिए तेजतर्रार इस आईएएस ने किसी और को भेजने के बजाय खुद ही निकलने की सोची।
 
कल देर रात मोटरसाइकिल से रियलिटी चेक करने के लिए शहर के  विभिन्न स्थलों का औचक निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान एलआईसी चौराहे पर कांस्टेबल  मोहित ने  रोका तथा पूछताछ  करते हुए  घर से बाहर निकलने के कारण के बारे में  भी पूछताछ की, बिना अपनी पहचान बताएं वापस आ गए
 
लॉकडाउन का सच जांचने के लिए परिवार वालों को बताकर जिलाधिकारी आधी रात के वक्त अपने एक कर्मचारी की मोटर साइकिल लेकर खुद ही डीएम आवास से (बंगले) से निकल पड़े। नाइट पेट्रोलिंग में कोई पुलिसकर्मी पहचाने न साथ ही कानून का भी उल्लघंन भी न हो, इसके लिए उन्होंने बाकायदा हेलमेट लगा लिया। परिजनों के अलावा किसी कर्मचारी को नहीं बताया कि कहां जा रहे हैं।

यहां तक कि बंगले की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी उनके गेट के बाहर निकलते वक्त नहीं पहचान पाए कि मोटर साइकिल पर डीएम साहब ही निकले हैं। मोटर साइकिल पर सवार होकर जिलाधिकारी रामपुर शहर के ज्वाला नगर, अजितपुर, कोसी नदी पुल, मिस्टन गंज, शाहबाद गेट आदि इलाके घूमते रहे। अपने ही शहर में आधी रात के वक्त लॉकडाउन में जिलाधिकारी मोटर साइकिल से दो घंटे तक घूमते रहे।

इस दौरान डीएम को महज दो चेकिंग प्वाइंट पर ही रोका गया। शहर में रात के वक्त किस तरह खुलेआम लॉकडाउन की कुछ जगहों पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, यह आंख से देखने और जानने के बाद भी डीएम ने रात में किसी को नहीं टोका। सिर्फ प्वाइंट्स के नाम दिमाग में फीड कर लिए। शनिवार दोपहर बाद समाचार एजेंसी 'आईएएनएस' से फोन पर विशेष बातचीत के दौरान रामपुर के डीएम आञ्जनेय कुमार सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘दरअसल जहां नाइट पेट्रोलिंग में वीक प्वाइंट्स मिले, उन प्वाइंट्स पर मौजूद कर्मचारियों या सेक्टर मजिस्ट्रेट्स को मैंने जानबूझकर उस वक्त नहीं पकड़ा। अगर किसी को टोकता तो मेरे रात में मोटर साइकिल से शहर में घूमने का मकसद ही खत्म हो जाता। हां, सुबह मैंने उन प्वांइट्स के स्टाफ को बुलाकर आगे से अलर्ट रहने की चेतावनी दी।’

आधी रात को मोटर साइकिल पर लॉकडाउन में घूम रहे डीएम को सिपाही द्वारा हड़काया या पकड़ा जाना आपको नागवार नहीं गुजरा? यह पूछे जाने पर जिलाधिकारी सिंह ने कहा, ‘नहीं बिलकुल नहीं। असली और सच्चा तो सही मायने में सिपाही ही सरकारी मुलाजिम निकला। जिसने एलआईसी चौराहे पर मुझे रोक लिया। बाकायदा उसने मुझे लॉकडाउन की अहमियत समझाई। साथ ही लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने को भी कहा।’

रामपुर के डीएम ने कहा, ‘सुबह मैंने सबसे पहले उसी मोहित सिपाही को कलेक्ट्रेट में बुलवाया जिसने मुझे रात में समझाया था कि लॉकडाउन की क्या अहमियत है। मैंने उसे शाबाशी दी और प्रमाण पत्र दिया। ताकि जिले में तैनात अन्य सरकारी कर्मचारियों में भी ईमानदारी और मेहनत से काम करने का जज्बा पैदा हो सके।’
 

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