लॉकडाउन अवधि में प्रदेश में 57 हजार से ज्यादा सुधारे गए हैंड पम्प

भोपाल 
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गर्मी के मौसम में आम लोगों को पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा गत दो माह में लॉकडाउन की अवधि में 57 हजार 799 हैण्डपम्पों का सुधार कार्य करवाया गया है। इसके अलावा 10 हजार 365 ऐसे हैंडपम्प जहाँ का जल स्तर नीचे चला गया था वहाँ 51893 मीटर राईजर पाइप बढ़ाकर हैण्डपम्पों को चालू कराया गया। इसके अलावा 370 बसाहटों में जहाँ हैण्डपम्पों में जल स्तर बहुत नीचे चला गया था किन्तु नलकूप में आवक क्षमता पर्याप्त थी वहाँ पर सिंगल फेस मोटर पंप को स्थापित कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया गया है। साथ ही 532 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापित किये गये और 154 खराब हैण्डपम्प प्लेटफार्म का पुनर्निर्माण भी कराया गया। प्रमुख अभियंता के.के.सोनगरिया ने बताया कि प्रदेश में 16 हजार 263 नल-जल योजनाएँ संचालित हैं। इनमें से 14 हजार 905 योजनाएँ चालू हैं। बंद नल-जल योजनाओं में से 176 योजनाओं में स्त्रोत पर ही पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग द्वारा स्थानीय ग्राम पंचायतों के सहयोग से 256 बंद नल-जल योजनाओं को चालू करवाया गया है। जबकि स्त्रोत असफल होने से विभाग ने बंद 85 योजनाओं में नवीन स्त्रोत का निर्माण कर पंचायतों के माध्यम से चालू कराया है। इस प्रकार 341 नल-जल योजनाएँ चालू की गई हैं।

अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाते हैं बंद हैण्डपम्प
प्रमुख अभियंता ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 28 हजार 489 ग्रामीण बसाहटों में पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रत्येक जिले में खण्ड/उप खण्ड कार्यालय स्थापित हैं। हैण्डपम्प बिगड़ने पर विभागीय व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य खराबी से बंद हैण्डपम्पों को 7 दिन में और विशेष खराबी से बंद हैण्डपम्पों को तकनीकी स्टाफ द्वारा अधिकतम 15 दिन में सुधार कर चालू कर दिया जाता है।

समस्या-ग्रस्त 13 हजार से अधिक बसाहटों को किया गया चिन्हांकित
प्रमुख अभियंता सोनगरिया ने बताया कि गर्मी के मौसम को दृष्टिगत पहले से ही संभावित पेयजल समस्या ग्रसित होने वाली 13 हजार 963 बसाहटों को चिन्हांकित कर लिया गया है। जिनकी जनसंख्या 87 लाख 51 हजार 281 है। इनमें से 4276 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन की कार्रवाई की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर 283 ग्रामीण नल-जल योजनाओं में पाईप लाईन बढ़ाकर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही 4081 हैण्डपम्पों पर सिंगल मोटर पंप स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। एक हजार 733 नल-कूपों में हाईड्रोफ्रैक्चरिंग की जाएगी। इन सबके बाद भी यदि किसी बसाहट में पेयजल की उपलब्धता नहीं होने पर समीप के जल उपलब्धता वाले स्थान से परिवहन कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा।
 

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