लालू यादव को एक और झटका, IT विभाग ने दिया बेनामी संपत्ति जब्त करने का आदेश

पटना
चारा घोटाले के मामलों में जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक और झटका लगा है। आयकर विभाग ने लालू और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है। यही नहीं बिहार अवामी कोऑपरेटिव बैंक में उनके खाते में जमा रकम को भी जब्त किया जाएगा।

आईटी विभाग के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आयकर विभाग की प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने लालू यादव और उनके परिजनों की 3.7 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश पर मुहर लगा दी है। लालू परिवार की ओर से संबंधित संपत्ति से जुड़े कानूनी दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहने के बाद आयकर विभाग ने यह कदम उठाया है।

लालू और उनके परिवार से जुड़ी जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना है, उनमें पटना के जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल एयरपोर्ट के पास मौजूद एक दो मंजिला इमारत भी शामिल है। चारा घोटाले में आरोपी आरके राणा पहले इसके मालिक थे। 2002 में इसे कोलकाता की फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने 76.3 लाख रुपये में खरीदा था।

'तेजस्वी ने बंगले में लगवाए 44 एसी'
इस बीच पूर्व डेप्‍युटी सीएम और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्‍वी यादव के पुराने सरकारी बंगले के नवीनीकरण को लेकर आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर तेज हो गया है। बिहार सरकार के बिल्डिंग कंस्‍ट्रक्‍शन डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव चंचल कुमार के बंगले के नवीनीकरण में ज्‍यादा खर्च नहीं करने के दावे के बाद डेप्‍युटी सीएम सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को दोहराया कि तेजस्‍वी के कार्यकाल के दौरान बंगले पर 'शाही' खर्च किए गए।

सुशील मोदी ने कहा, 'आखिरकार किस नियम के तहत तेजस्‍वी यादव के 5, देशरत्‍न मार्ग स्थित बंगले में ब्रिज कंस्‍ट्रक्‍शन कार्पोरेशन की ओर से 59 लाख रुपये का फर्निचर लगवाया गया। इसके अलावा बीसीडी की ओर से करोड़ों रुपये नवीनीकरण में खर्च किए गए।' डेप्‍युटी सीएम ने कहा, 'किस नियम के तहत तेजस्‍वी यादव को 44 एसी दिए गए।'

सुशील मोदी ने कहा कि राज्‍य सरकार ने तेजस्‍वी को कोई क्‍लीन चिट नहीं दी है। बता दें कि आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव को सरकारी आवास आवंटित किया गया था। महागठबंधन की सरकार के दौरान तेजस्वी को पटना के पांच देशरत्न मार्ग पर स्थित सरकारी बंगला आवंटित किया गया था लेकिन आरजेडी से अलग होकर जेडीयू ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली।

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