लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, वाहन ट्रांसफर होगा आधार लिंक, भोपाल-इंदौर में होगा ट्रायल

भोपाल
परिवहन विभाग अपने सभी कामों को आधार से लिंक करने जा रहा है। इसके बाद विभाग से जुड़े ज्यादातर कामों के लिए आवेदक को कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। इससे फर्जीवाड़ा भी बंद हो सकेगा। इसके लिए प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। भोपाल और इंदौर से शुरूआत होने के बाद यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। परिवहन विभाग ने नए साल में विभाग से जुड़े सभी कामों में आधार कार्ड को अनिवार्य करने का विचार कर रही है। इसके साथ विभाग अपने सभी कामों को आधार से लिंक भी करने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश के अफसरों ने इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। 

आवेदक जब टेस्ट के लिए आवेदन करेगा, तब ही वह अपनी बायोमैट्रिक पहचान देगा। इससे सिस्टम में आॅटोमैटिक उसकी सारी जानकारी मिल जाएगी। इसके कारण लाइसेंस बनाते वक्त यह सारी जानकारी अलग से दर्ज नहीं करना पड़ेगी और लाइसेंस जल्द बनेंंगे। आवेदक जब विभाग में अपना फोटो खिंचवाएगा, तब उसे आधार से वेरिफाई भी कर लिया जाएगा। इससे फर्जी लाइसेंस नहीं बन सकेंगे।

आधार से लिंक होने के कारण गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी आसान हो जाएगा। इसके लिए विभाग सभी डीलर्स के यहां बायोमैट्रिक पहचान लेने के लिए फिंगर प्रिंट स्कैनर लगवाएगा। डीलर किसी भी वाहन को बेचते वक्त उसकी वीआईडी तैयार करते समय आवेदक के फिंगर प्रिंट के माध्यम से उसकी पहचान की पुष्टि करते हुए रजिस्ट्रेशन आवेदन भेजेगा। इसके कारण सिस्टम में भी उसकी सही पहचान दर्ज हो सकेगी।

वाहनों के फर्जी ट्रांसफर जैसी घटनाओं को देखते हुए विभाग ने क्रेता और विक्रेता दोनों को ट्रांसफर के वक्त आॅफिस में आना अनिवार्य किया है। इसके लिए लोगों को कुछ परेशानी भी हो रही है। आधार से सिस्टम लिंक होने के बाद क्रेता और विक्रेता आॅनलाइन आवेदन करने के साथ किसी भी कियोस्क से अपनी बायोमैट्रिक पहचान (फिंगर प्रिंट) के साथ आवेदन को वेरिफाई कर सकेंगे। इसी आधार पर विभाग आवेदन के अनुसार कार्य करेगा।

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