लद्दाख बॉर्डर पर टेंशन, भारत ने बढ़ाए सैनिक

नई दिल्ली
कोरोना काल में भी चीन सीमा पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव फिर बढ़ गया है। रिपोर्टों के मुताबिक भारत ने वहां अतिरक्त सैनिक भेजे हैं। भारतीय सेना का कहना है कि चीन के सैनिक गालवान घाटी में टेंट लगाकर उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पिछले कई सालों से विवादित इलाके में टेंट लगाकर कब्जा करने की कोशिश करती रही है। यह उसकी रणनीति का हिस्सा है।

चीन मई के पहले हफ्ते से लद्दाख में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। इससे पहले 5 और 6 मई को भी लद्दाख की पेंगोंग सो झील के पास भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी। इस घटना के बाद दोनों देशों ने विवादित इलाकों में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। भारतीय सेना के मुताबिक डेमचोक, चुमार और दौलतबेग गोल्डी इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है।

पहले भी हुई थी झड़प
इससे पहले चीन के सैनिकों ने दो साल पहले भी डेमचोक सेक्टर में भारतीय सीमा में 300 मीटर अंदर टेंट लगाया था। भारतीय सेना भी चीनी सेना की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देती है जिससे कई बार हाथापाई हो जाती है। हालांकि हर बार टकराव की वजह अलग-अलग होती है। दोनों देशों के बीच हाल में सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी झड़प हुई थी।

सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने हाल में कहा था कि भारतीय सैनिक चीन सीमा पर निगरानी के लिए ठिकाने बना रहे हैं। सेना चीन से लगी पूरी सीमा पर इस तरह के ठिकाने बना रही है। पेंगोंग के पास हुई झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई थी। दोनों देशों के बीच 3844 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। इसमें कई जगह स्थिति साफ नहीं है जिससे अक्सर दोनों सेनाओं के बीच झड़प होती रहती है। 2017 में डोकलाम विवाद 73 दिनों तक चला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वुहान यात्रा के बाद यह मामला सुलझ पाया था।

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