रोहित शर्मा की ओपनिंग पर बोले गंभीर, टेस्ट सीरीज में साबित होंगे ट्रंप कार्ड
नई दिल्ली
साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 अक्टूबर से खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा अब बदले हुए रोल के साथ मैदान पर उतरेंगे. रोहित शर्मा भारत की तरफ से टेस्ट में बतौर ओपनर खेलेंगे. इससे पहले वह टेस्ट में नंबर छह पर खेलते थे. लेकिन अब इस नंबर पर हनुमा विहारी ने अपना कब्जा जमा लिया. रोहित को केएल राहुल की जगह ओपनिंग में उतरा जाएगा. राहुल को खराब फॉर्म के कारण टेस्ट टीम से बाहर होना पड़ा था.
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रोहित शर्मा को टेस्ट में ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर चुने जाने पर कहा, 'रोहित ने वर्ल्ड कप में पांच शतक लगाए हैं तो उनका टेस्ट टीम में शामिल होना जाहिर सी बात है.'
टेस्ट के लिए तैयार हैं रोहित
गंभीर ने कहा, 'और अगर आप रोहित को टीम में चुनते हैं और मध्य क्रम में जगह नहीं है तो रोहित इतने अच्छे खिलाड़ी हैं कि वो अच्छा करेंगे. अगर आप उन्हें चुन रहें हैं तो उन्हें अंतिम-11 में रखें और अगर नहीं रख पाते हैं तो टेस्ट में उन्हें न चुनें. अभी टेस्ट में सलामी बल्लेबाजी ही एक ऐसी जगह है जहां वो खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि वह इसके लिए तैयार हैं.'
गंभीर ने कहा कि रोहित बहुत बेहतरीन खिलाड़ी हैं, जो बेंच पर बैठा है और उसे टेस्ट मैचों में भी पारी की शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि केएल राहुल को काफी मौके दिए जा चुके हैं. रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी का मौका देने का समय आ गया है.'
बता दें कि राष्ट्रीय चयन समिति और टीम प्रबंधन ने रोहित के स्ट्रोक्स खेलने की काबिलितय को देखते हुए उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर आगे बढ़ाने का फैसला किया है और अगले पांच टेस्ट इस 32 साल के स्टाइलिश बल्लेबाज के लिए अहम साबित होंगे.
विशाखापत्तनम में रोहित का होगा टेस्ट
दूसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर उनके पास मयंक अग्रवाल होंगे और दोनों दो अक्टूबर से विशाखापत्तनम में शुरू होने वाले पहले टेस्ट से एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाना चाहेंगे. सफेद गेंद के प्रारूप में आधुनिक समय के महान खिलाड़ियों में से एक रोहित का 27 टेस्ट मैचों में औसत 39.62 का है, जिसमें तीन शतक शामिल हैं.
रोहित की लाल एसजी, ड्यूक या कूकाबुरा गेंद के खिलाफ तकनीक थोड़ी संदेह वाली रही है, लेकिन वीरेंद्र सहवाग की अपार सफलता को ध्यान में रखते हुए विराट कोहली और रवि शास्त्री इस दांव को खेलने को तैयार हैं. अगर यह कारगर रहता है, तो इस कदम को ‘मास्टरस्ट्रोक’ माना जाएगा.
उप-महाद्वीप की नीची और धीमी पिचों पर रोहित अगर सफल रहते हैं, तो भी इस बात की गारंटी नहीं है कि वह न्यूजीलैंड के मैदानों पर इसे दोहराने में सक्षम होंगे, जहां ट्रेंट बोल्ट उन्हें पस्त करने के लिए मौजूद होंगे. भारत के बेहतरीन वनडे सलामी बल्लेबाजों में से एक के लिए हालांकि सफर काफी मुश्किल भरा होगा, क्योंकि अगले छह महीने खेल के इस पारंपरिक प्रारूप में उनके भाग्य का फैसला करेंगे.