रोजगार गारंटी योजना से 3800 से अधिक परिवार को 100 दिवस, 730 परिवारों को 150 दिनों का रोजगार

कवर्धा
हर हाथ को काम के साथ रोजगार का अवसर जिले के वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से मिला है। बोड़ला विकासखण्ड के ऐसे 45 ग्राम पंचायत जिन्हे भारत रूलर लाईवलीहुड फाॅउन्डेसन के तहत चिन्हांकित कर महात्मा गांधी नरेगा योजना से लाभ दिया जा रहा है। इन ग्राम पंचायतों में कार्या कि पहचान से लेकर उसके क्रियान्वयन में सामर्थ फाॅउन्डेसन भी काम कर रहा है। जिसका परिणाम है कि इन 45 ग्राम पंचायत के 3838 परिवारों को 100 दिवस का रेाजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। इसी तरह 730 परिवारों को 150 दिन एवं 30 परिवारों को 200 दिन का रोजगार मिल गया है। ढ़ोलबज्जा, आमानारा, लरबक्की, छूही, बोदा 03, अधंरीकछार, भीरा, खरिया, छपरी, तीतरी जैसे अनके ग्राम पंचायतों में मनरेगा के पंजीकृत मजदूर परिवारों को बहुत से निर्माण कार्यो में 100 दिन से अधिक का रोजगार मिल गया है। तालाब गहरीकरण कार्य, डबरी निर्माण, मेड़ बंधान कार्य, नया तालाब निर्माण जैसे हितग्राही मूलक कार्यो से रोजगार के अवसर ग्रामीणों को मिला है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. ने बताया कि विकासखण्ड बोड़ला के 45 ग्राम पंचायत बी.आर.एल.एफ. के तहत चिन्हांकित है। इन क्षेत्रों का चिन्हांकन दूर्गम स्थल, वंनाचल क्षेत्र एवं विशेष पिछ़ड़ी जनजाति बैगा बहूल को देखते हुए किया गया है। जिससे कि इन्हें उनके क्षेत्र के आवश्यकता अनुसार निर्माण कार्य कराया जाकर परिसम्पत्तियों का निर्माण करते हुए रोजगार के साधन उपलब्ध हों। सीईओ विजय दयाराम के. ने बताया कि इन क्षेत्रों के लिए 1390 से अधिक निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। इसमे प्रमुख रूप से भूमि सुधार, निजी डबरी, कूप निर्माण, तालाब गहरीकरण जैसे कार्य है। इन कार्यो से ग्रामीणों का आजीविका संर्वधन कराया जाना प्रमुख उददेश्य है। वित्तिय वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत इन क्षेत्रों के लिए 1906.69 लाख रूपये से कार्य स्वीकृत किये गये है तथा प्रत्येक परिवारों को औसतन 70 दिवस से अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। अब तक 10.56 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन करते हुए ग्रामीणों को काम दिया गया है।

ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार कि महत्वकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से ग्रामीणों को उनके मांग और जरूरतों के अनुसार काम देते हुए आजीविका के गतिविधियों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। यही कारण है कि इन पंचायतों के निर्माण कार्यो में ग्रामीणो की अच्छी भागीदारी देखने को मिल रहीं है जिसका परिणाम है कि बहुत से परिवार 100 दिन 150 दिन का रोजगार प्राप्त कर लिए है। मैदानी अमलें लगातार ऐसे परिवारों को चिन्हांकित कर रहे है जिन्हें अधिक से अधिक रोजगार दिया जा सके जिससे कि वह भी 100-100 दिन का रोजगार पा सकें।

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