रेरा में चार्टर्ड एकाउटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका : अध्यक्ष श्री डिसा

भोपाल

रेरा अध्यक्ष श्री अन्टोनी डिसा ने कहा है कि रेरा-एक्ट के क्रियानवयन में चार्टर्ड एकाउटेंट्स की महत्पवूर्ण भूमिका है। एक्ट की धारा 56 में चार्टर्ड एकाउटेंट को किसी संप्रवर्तक, एजेंट के प्रतिनिधित्व करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत वे प्राधिकरण से संबंधित सभी प्रकरणों में पक्ष-प्रस्तुति कर सकते हैं। श्री डिसा आज इन्दौर में ’’रेरा में संशोधनों ’’ विषय पर हुई भारतीय चार्टर्ड एकाउटेंट एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

श्री डिसा ने बताया कि प्रोजेक्ट की प्रगति की सीए द्वारा सत्यापित त्रैमासिक रिटर्न के आधार पर मॉनिटरिंग की जाएगी। रेरा प्राधिकरण द्वारा संप्रवर्तक रिपोर्ट के लिये चार्टर्ड एकाउटेंट्स के सुझावों को स्वीकार कर नवीन फार्मेट निर्धारित किया गया है। रेरा प्राधिकरण चाटेर्ड एकाउटेंट्स को रेरा एक्ट के उद्देश्य की पूर्ति में प्रमुख सहयोगी मानता है और उनके साथ निरंतर संवाद चाहता है। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड एकाउटेंट्स रेरा और संप्रवर्तक के बीच महत्वपूर्ण सेतु हैं। इसलिये उन्हें अपेक्षित ऑडिट का कार्य पूरी प्रोफेशनल गंभीरता, दक्षता और ईमानदारी से करना चाहिये। श्री डिसा ने कहा कि धारा 4(2) के अंतर्गत संप्रवर्तक को एकाउंट को सर्टिफाइड करते वक्त देखना चाहिए कि प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त की गई राशि उसी प्रोजेक्ट में खर्च की गई है कि नहीं तथा इस्क्रो एकाउंट से उसी अनुपात में आहरण किया गया है, जितना कार्य मौके पर हुआ है। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट जारी करने के पूर्व पर्याप्त जानकारी प्राप्त की जाना चाहिए।

 रेरा अध्यक्ष ने कहा कि संप्रवर्तक द्वारा प्रोजेक्ट के एकाउंट से आहरण के लिए सी.ए. का सर्टिफिकेशन जरूरी है। प्रति वर्ष संप्रवर्तक को अपने लेखों का चार्टर्ड एकाउटेंट से ऑडिट कराना जरूरी है। ऑडिट रिपोर्ट में आईसीएआई के मानकों का पालन होना चाहिये। उन्होनें कहा कि प्रोजेक्ट पंजीयन, क्वार्टरली रिटर्न, प्रोजेक्ट वृद्धि, प्रोजेक्ट वापसी, इस्क्रो-एकाउंट से राशि आहरण, प्रोजेक्ट पूर्ण के होने के 6 माह के भीतर ऑडिट जैसे दायित्वों के लिए चार्टर्ड एकाउटेंट अनुदेयक की भूमिका में है।

श्री डिसा ने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट में रोज नये तकनीकी नवाचार हो रहे हैं। प्रापर्टी सर्च, निर्माण तथा अनुबंध तैयारी से संबंधित इन सभी नवाचारों का अधिकाधिक फायदा उठाने पर रियल एस्टेट की सही दिशा तय होगी। उन्होंने कहा कि परिवर्तन संप्रवर्तक के लिये चुनौतीपूर्ण है। नवाचारों को आत्मसात करना ही सर्वोत्तम सुझाव है। श्री डिसा ने कहा कि आज के दौर में चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रोफेशन कॅरियर के रूप में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बन गया है। इनसॉलवेंसी बैंकक्रप्टसी एक्ट से हटकर, रेरा एक्ट में सी.ए.को प्रेक्टिस करने की पूरी आजादी प्रदान की गई है।

रेरा  अध्यक्ष श्री डिसा ने कहा कि रेरा एक्ट का मकसद ग्राहकों के हितों की रक्षा करना और रीयल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ाना है। रेरा एक्ट बेहतर जवाबदेही और पारदर्शिता लाकर रीयल एस्टेट की खरीद को आसान बनाता है। उन्होंने कहा कि यह फ्लैट्स, अपार्टमेन्ट्स आदि की खरीद के लिए एक एकीकृत कानूनी व्यवस्था मुहैया कराकर पूरे देश में उसका मानकीकरण करता है। श्री डिसा ने कहा कि समय पर घर, देरी पर मुआवजा, प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी, फ्लैट कारपेट एरिया के आधार पर बिक्री, बिक्री के बाद आफ्टर सेल जैसे प्रावधानों से आवंटी को सुविधा हुई है। मांग बढ़ने से रियल एस्टेट को मंदी से उबरने में मदद मिलेगी।

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