रेत माफियाओं और प्रशासन के रवैये से खतरे में अरपा नदी का अस्तित्व

बिलासपुर 
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की जीवन दायिनी अंत:सलिला अरपा नदी का अस्तित्व खतरे में है. वर्षो से अरपा नदी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन रेत माफियाओं और प्रशासन के बेपरवाह रवैया के कारण अरपा की गोद आज भी सुनी है.

बिलासपुर जिले के पेंड्रा में स्थित जंहा अरपा के उद्गम होने का बोर्ड लगा है, सच में यंहा से ही अरपा नदी निकली है जो छोटे – छोटे नदी नाले से होकर बिलासपुर तक पहुची है. एक समय ऐसा था कि इस उद्गम स्थल से अरपा नदी निकलकर बिलासपुर पहुचती थी और बिलासपुर अरपा नदी लबालब भरी रहती थी, पर आज की स्थिति में अरपा नदी  पूरी तरह से सूख चुकी है, वहीं रेत माफियाओं भी इस नदी से खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मिलकर नदी से खुलेआम रेत का उत्खनन कर रहे हैं.

अरपा बचाओ अभियान के तहत के कई संगठन भी पिछले 11 वर्षों से इस अरपा को फिर से जीवंत करने और उसे बचाने का प्रयास कर रहे है, पर शासन प्रशासन के बेपरवाह रवैये के कारण ये पनप नहीं पाई. वहीं बिलासपुर विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि यह बड़े चिंतन का विषय है कि कलकल करती जीवनदायिनी अरपा का अस्तित्व खतरे में है, पहले भी इसके लिए कई प्रयास किए गए पर सत्ता न होने के कारण आज तक कुछ नहीं हो सका, अब जब सत्ता हमारी है तो निश्चित ही जीवनदायिनी अरपा को बचाया जाएगा.

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