रूबेला टीकाकरण के बाद बच्चे ने दम तोड़ा

 नीमच
 देशभर में चल रहे मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के बीच मध्यप्रदेश के नीमच से बुरी खबर आई है। यहां एक बच्चे ने देर रात को दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि रुबेला के टीकाकरण के बाद तबीयत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिवार में मातम पसर गया है।

इससे पहले गुजरात, पंजाब और यूपी के पीलीभीत-शाहजहांपुर में दो बच्चों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों बच्चों के बीमार हो चुके हैं। इस घटना के बाद मध्यप्रदेश में भी बच्चे के अभिभावकों में डर फैल गया है। कई बच्चों के माता-पिता ने स्कूल में टीकाकरण से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि हम प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण कराएंगे। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से यह टीका सभी स्कूलों में निशुल्क लगाया जा रहा है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में यह काफी महंगा है।
 
मध्यप्रदेश के नीमच में रुबेला टीकाकरण के बाद पीयूष मौर्य नाम के एक बच्चे की मौत हो गई। इंदिरा नगर निवासी मासूम पियूष बुधवार को टीका लगवाकर घर पहुंचा था। इसके बाद बच्चे की तबीयत खराब हो गई। पियूष नीमच के कास्मो पब्लिक स्कूल में पड़ता था।

प्रशासन मिलने पहुंचा
पियूष की मौत के बाद उसके परिवार में मातम पसर गया है। खबर लगते हैं एसडीएम समेत महिला बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल पियूष के घर पहुंचे, जहां मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

स्कूल पर लापरवाही का आरोप
बच्चे की मौत के मामले में स्कूल की लापरवाही का आरोप लगाया गया है।

यादव समाज में शोक की लहर
नीमच में मौर्य परिवार में हुई बच्चे की मौत के बाद यादव समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। पियूष के पिता विमल मौर्य यादव समाज के वरिष्ठ सदस्य हैं।

यादव महासभा 25 जनवरी शुक्रवार को पीयूष की मौत की निष्पक्ष जांच और उचित मुआवजे को मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेगा।

जरूरी है टीकाकरण
मीजल्स-रुबेला जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए सरकार ने देशभर में टीकाकरण अभियान चलाया है। इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश में भी प्रत्येक स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। 2020 तक भारत को मीजल्स (खसरा) मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

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