स्पेशल बच्चों के लिये स्पेशल अनुभूति वाला रहा शिविर

 भोपाल

भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आज अद्भुत नजारा था। अनुभूति शिविर में शामिल दिव्यांग बच्चों के साथ वन विहार के अधिकारी और कर्मचारी भी बराबरी से भाग ले रहे थे। आरूषि संस्था, दिग्दर्शिका पुनर्वास एवं अनुसंधान केन्द्र, निदान संस्था और सेरीब्रल पालसी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के 90 दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने अनुभूति कार्यक्रम में भाग लेकर शिविर का खूब आनंद लिया।

संचालक वन विहार श्रीमती कमलिका मोहन्ता ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए अनुभूति शिविर में अलग तरह की तैयारी की गई थी। वन विहार के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी बच्चों के साथ नृत्य, गायन में भाग लिया। पालतू जानवरों का सहारा लेकर बच्चों को वन्य-प्राणियों की जानकारी दी गई। बच्चों ने चित्रकला प्रतियोगिता में तरह-तरह के चित्र बनाए, जो अब वन विहार में रहेंगे। सहायक संचालक श्री ए.के. जैन ने बताया कि आज के शिविर से हमें संतुष्टि की अनुभूति हुई। अब हम दृष्टि-बाधित बच्चों के लिये एक अलग शिविर आयोजित करने का सोच रहे हैं।

शिविर में स्पेशल बच्चों को अलग तरीके से पक्षी, वन्य प्राणी और वानिकी गतिविधियाँ करवाई गईं। गतिविधियों के दौरान विशेष रूप से आमंत्रित सायकोलॉजिस्ट डॉ. गीता नरहरि, श्रीमती रीता प्रकाशम, श्रीमती आभा गुप्ता, मास्टर ट्रेनर श्री ए.के. खरे और डॉ. एस.आर. वाघमारे बच्चों की मदद करते रहे। संचालक श्रीमती मोहन्ता ने बच्चों को शपथ दिलाई और पुरस्कार-प्रमाण पत्र वितरित किये। आज हुई प्रतियोगिताओं की विशेषता यह रही कि चारों ही संस्थाओं से एक-एक बच्चे को किसी प्रतियोगिता के आधार के बिना पुरस्कृत किया गया। प्रत्येक बच्चे को अनुभूति बैग, केप, पठनीय सामग्री, मुन्ना की कहानी, स्टीकर-पोस्टर, की-रिंग और बैज दिए गए।

चौथा शिविर 4 जनवरी को

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में चौथा अनुभूति शिविर 4 जनवरी 2020 को होगा। इसमें शासकीय उच्च.मा. विद्यालय कोटरा सुल्तानाबाद, संस्कार भारती विद्यापीठ, शासकीय उच्च.मा. विद्यालय कस्तूरबा के छात्र-छात्राएँ भाग लेंगे। बच्चों के लाने-लेजाने की व्यवस्था वन विहार द्वारा की जायेगी।

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