रीवा जिला जन्म के समय बाल लिंगानुपात वृद्धि के लिए पुरस्कृत

 भोपाल

रीवा जिले को ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' योजना में जन्म के समय बाल लिंगानुपात में लगातार बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। केन्द्रीय महिला-बाल विकास मंत्रीस्मृति जुबीन ईरानी ने आज नई दिल्ली में जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा पाण्डे को यह पुरस्कार प्रदान किया।

रीवा जिले को देश के 10 चुने हुए ‍जिलों में शामिल किया गया है। पहले प्रदेश को ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तत्कालीन केन्द्रीय महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी ने विगत जनवरी माह में नई दिल्ली में पुरस्कृत किया था।

योजना में रीवा जिले में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किये गये। जिले में कम लिंगानुपात वाले गाँवों को चुन कर वहाँ पर हर घर दस्तक, शक्ति चौपाल, नुक्कड़ नाटक, कठपुतली शो आदि किये गये। साथ ही ऐसे परिवारों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त केवल बेटियाँ हैं। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कार्यशाला, जागरूकता रैली, मानव श्रृंखला, रंगोली प्रतियोगिता की गई। आँगनवाड़ी केन्द्रों में जन्मोत्सव एवं बिटियाँ उत्सव मनाने गये। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जिला और परियोजना स्तर पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यशाला की गई। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं और उनके परिजनों का स्वागत किया गया।

योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चुने गये जिलों में प्रदेश के 6 जिले रीवा, भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और टीकमगढ़ शामिल है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार रीवा जिले में जन्म के समय बाल लिंगानुपात 885 था। जिले को अप्रैल 2016 में जब योजना में शामिल किया गया था तब बाल लिंगानुपात 919 था। वर्ष 2018-19 में यह बढ़कर 934 हो गया है।

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