रेलवे ने आधुनिकीकरण के नाम पर बढ़ाया किराया, पर भोपाल के यात्रियों को कुछ नहीं मिला

भोपाल।रेलवे ने मंगलवार से यात्री किराया बढ़ा दिया है। इसका कारण रेलवे का आधुनिकीकरण करना बताया है। लेकिन भोपाल के यात्रियों को कोई बड़ी सौगात नहीं मिली। लाखों यात्री सालों से शताब्दी के पुराने, घटिया कोचों में सफर कर रहे हैं। हबीबगंज स्टेशन पर तीन साल से सुविधाएं बेपटरी हैं। भोपाल स्टेशन में भी कोई खास सुविधा नहीं बढ़ी है।

शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को अभी तक आधुनिक सुविधा वाले एलएचबी (जर्मन कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के सहयोग से तैयार कोच) कोच नहीं मिले हैं। कुल मिलाकर यात्रियों को कुछ नहीं मिला। फिर भी बढ़ा हुआ किराया चुकाना होगा। बता दें कि रेलवे ने एसी का किराया प्रति किमी चार पैसे, स्लीपर का दो पैसे और जनरल का किराया प्रति किमी एक पैसा बढ़ाया है।

रेलवे का तर्क है कि कोचों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। नई रेल पटरियां बिछा रहे हैं। नई ट्रेनें चलाईं जा रही हैं। स्टेशनों पर यात्रियों को ज्यादा सुविधाएं दी हैं। इन कामों में खर्च आ रहा है इसलिए किराए में मामूली बढ़ोतरी की जा रही है।

भोपाल के यात्री इसलिए नाराज
शताब्दी एक्सप्रेस : इस ट्रेन के कोच पुराने हैं। रेलवे ने ट्रेन को वंदे भारत एक्सप्रेस का आधुनिक रैक देने की घोषाणा की थी, जो नहीं दिए।
भोपाल एक्सप्रेस : बोर्ड ने इस ट्रेन को आदर्श माना था। रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने एलएचबी रैक देने की बात कही थी, जो नहीं मिले। रंग-रोंगन करके पुराने कोच लगा दिए।
हबीबगंज स्टेशन : सुविधाएं बेपटरी हैं। यात्रियों को छह से आठ महीने तक परेशान होना पड़ेगा।
नई ट्रेन नहीं चली : भोपाल-हबीबगंज से रूटीन में एक भी नई ट्रेन नहीं चली। प्रस्तावित भोपाल-इंदौर नॉन स्टॉपेज इंटरसिटी एक्सप्रेस को स्वीकृति नहीं मिली।

तीसरी लाइन ने भी रुलाया
तीसरी लाइन का काम सालों से चल रहा है, अभी तक पूरा नहीं हुआ। अभी भी पांच से आठ साल लगेंगे। हालांकि बीना-भोपाल के बीच तीसरी लाइन पर ट्रैफिक चालू हुआ है।

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