रिहा हुए उमर अब्दुल्ला, बोले- कोरोना से बचने के लिए हमें सरकार के आदेशों का पालन करना होगा

नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता करीब 7 महीने की हिरासत के बाद आज रिहा कर दिया गया है। 5 अगस्त 2019 से ही उमर अब्दुल्ला हिरासत में थे और उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया था। बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया था और राज्य को लद्दाख और कश्मीर के रूप मेंं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था। रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला बोले कि- आज मुझे पता लगा कि हम लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। जो भी लोग हिरासत में लिए गए हैं इस वक्त उन्हें छोड़ा जाना चाहिए। हमें कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए। दरअसल, उमर अब्दुल्लाल की रिहाई ऐसे वक्त में हुई है, जब कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि या तो उन्हें जल्द रिहा करें या फिर कोर्ट अब्दुल्ला की बहन सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई करेगा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को हिरासत में रखे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे। 

 

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से एक सप्ताह के भीतर उसे सूचित करने के लिए कहा था कि क्या वह जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा कर रहा है। बता दें कि उमर अब्दुल्ला पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान रद्द किये जाने के बाद से हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा कि अगर अब्दुल्ला को शीघ्र रिहा नहीं किया गया तो वह इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगी।

 

पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिवक्ता ने सूचित किया कि इस मामले में पेश हो रहे सालिसीटर जनरल तुषार मेहता इस समय दूसरे न्यायालय में बहस कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई के लिये कोई नजदीक की तारीख निर्धारित की जाये। इस पर पीठ ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था की वजह से इस समय शीर्ष अदालत में सिर्फ छह पीठ काम कर रही हैं और उसे नहीं मालूम कब अगली बारी आयेगी। पीठ ने कहा, 'संभवत: अगले सप्ताह हम बैठ रहे हैं और इस मामले को उस समय लिया जा सकता है।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *