कोरोना की जांच और इलाज का खर्च आयुष्मान भारत योजना में हो सकता है कवर

नई दिल्ली

कोरोना वायरस के संक्रमण के परीक्षण और इलाज के खर्च को सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के दायरे में लाने की जल्द ही घोषणा की जा सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुये बताया कि 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' (पीएमजेएवाई) का संचालन करने वाले 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण' ने कोरोना वायरस के संक्रमण के परीक्षण और इलाज के खर्च को इस योजना के दायरे में लाने का फैसला किया है। अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण की नियामक इकाई (गवर्निंग बॉडी) से इस फैसले को लागू करने की अनुमति मांगी गई है।उन्होंने बताया कि इसकी मंजूरी मिलने और निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसके परीक्षण और इलाज के खर्च को आयुष्मान भारत योजना के स्वास्थ्य बीमा पैकेज में शामिल कर दिया जाएगा। इसके लागू होने के साथ ही कोरोना के संक्रमण का निजी प्रयोगशालाओं में परीक्षण और बीमा योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में निशुल्क इलाज कराया जा सकेगा।

 

उल्लेखनीय है कि सरकार का लक्ष्य देश में 10.74 करोड़ निर्धन परिवारों को पीएमजेएवाई के स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा के दायरे में लाने का लक्ष्य है। इसके तहत प्रत्येक बीमित परिवार को बीमा योजना में शामिल बीमारियों के निशुल्क इलाज के लिये प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा प्राप्त है।

 

बता दें कि भारत में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। तकरीबन 500 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, नौ की मौत हुई है। इस महामारी को लेकर सरकार एक पैकेज का ऐलान कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोपहर दो बजे मीडिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से बात करेंगी। सरकार ने देश के 32 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 560 जिलों में कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया है। वहीं लक्षद्वीप में आंशिक लॉकडाउन किया गया है। यात्री जहाजों को द्वीप में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है।

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