रिश्तेदारों की मार सही, फिर अनाथालय में बिताए दिन, अब देश का नाम कर रही रोशन

कटनी
देशभर में रविवार को महिला दिवस मनाया जाएगा. इस खास मौके पर हम आपको एक ऐसी जांबाज लड़की की कहानी बताएंगे जिसने अपने बुलंद इरादों से देश का नाम विश्व में रोशन किया है. हम मध्य प्रदेश की आकांक्षा विश्वकर्मा की बात कर रहे हैं. आकांक्षा हॉर्स राइडिंग में सीनियर और जूनियर चैंपियनशिप के अलावा हॉर्स शो में 26 मैडल जीत चुकी हैं. लेकिन आकांक्षा के लिए इस मुकाम पर पहुंचना आसान नहीं था. कटनी की बहादुर बेटी की सफलता कोई फिल्मी कहानी से कम नहीं है. महिला दिवस के मौके पर हम आपको बताएंगे किन मुश्किल हालातों को पार कर आकांक्षा एक सफल हॉर्स राइडर बनीं.

आकांक्षा का कहना है कि जब वह छोटी थी तो मम्मी-पापा का साया उठ गया था. उसके बाद आकांक्षा  चाचा-चाची के साथ रहने लगी. मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं. उसकी यहां पर पढ़ाई छुड़वा दी गई. यहां तक की इंटर मीडिएट की मार्कशीट भी जला दी. उसे पूरे दिन कमरे में रखा जाता था और केवल घर के काम करवाने के लिए ही कमरे से बाहर निकाला जाता था. इस दौरान उसके साथ मारपीट भी की जाती थी. कई बार तो उसे ठंड या बारिश में बाहर खड़ा रखा जाता था. यही नहीं खाने में उसको केवल सूखी रोटी और अचार दिया जाता था.

आकांक्षा ने बताया कि एक दिन मारपीट कर चाचा-चाची कहीं बाहर चले गए. इस दौरान चाचा के एक दोस्त घर आए जिन्हें मैंने आपबीती बताई. जिसके बाद वे मुझे वहां से ले गए और कटनी के हिरावर के लिटिल स्टार फाउंडेशन शेल्टर होम में डाल दिया. अकांक्षा ने बताया कि शेल्टर होम में बाल दिवस के मौके पर हार्स राइडर अकेडमी के कोच कैप्टन भागीरथ ने दो घोड़े ‌गिफ्ट किए. इसके बाद लगातार घोड़ाें की देखभाल की और फिर शेक नामक घोड़े की राइडिंग करनी शुरू की. इसके कुछ समय बाद भोपाल में खेल विभाग की हॉर्स राइडिंग एकेडमी के ट्रायल में मैं बेस्ट राइडर चुनी गई. उसने बताया कि वो  भोपाल के खेल विभाग की हॉर्स राइडिंग एकेडमी में साल 2016 में पहुंच गई.

आकांक्षा ने एकेडमी में दाखिले के एक साल बाद ही सीनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीता और फिर सीनियर नेशनल में दो सिल्वर अपने नाम किए. उसके बाद जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल और हासिल किए. हॉर्स राइडिंग सीनियर और जूनियर चैंपियनशिप के अलवा हार्स शो में अब तक वो 26 मेडल जीत चुकी है. अब आकांक्षा का सपना एशियन गेम्स में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने का है.

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