येस बैंक संकट पर नया खुलासा- राणा कपूर के परिवार को लोन के बदले मिला किकबैक!

मुंबई
येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से सहयोग नहीं कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वे सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें टालते दिखे.

अब येस बैंक की गड़बड़ियों का राज खुलवाने के लिए ईडी अदालत से राणा कपूर की कस्टडी मांगेगी. ईडी ने शनिवार देर रात 3 बजे राणा कपूर को गिरफ्तार किया था. उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि राणा कपूर पर आरोप है कि उन्होंने कई शेल कंपनियों का गठन किया है ताकि कथित रूप से रिश्वत में मिली रकम को खपाया जा सके. ईडी के पास इस बात के सबूत हैं कि डीएचएफल को राणा कपूर की मदद से लोन दिया गया, जबकि डीएचएफल इसे चुकाने में नाकाम था.

ईडी के पास राणा कपूर से पूछताछ करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दस्तावेज मौजूद हैं. सूत्रों के मुताबिक न सिर्फ डीएचएफएल बल्कि कई दूसरी कंपनियों को लोन दिया गया. हैरानी की बात ये है कि येस बैंक ने उन कंपनियों को लोन दिया जो खुद मुश्किल में चल रही थीं. अब ईडी इस बात की जांच कर रही है क्या राणा कपूर और दूसरे बैंक अधिकारियों को इसके एवज में कुछ रिश्वत मिली है.

इस बीच राणा कपूर की पत्नी बिन्दू कपूर अपने वकील के साथ मुंबई में ईडी की ऑफिस पहुंची हैं. यहां ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ करने वाले हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक बिन्दू कपूर और उनकी तीन बेटियां राखी, रोशनी और राधा के नाम पर कई कंपनियां हैं. इन्होंने कथित रूप कई कॉरपोरेट घरानों से रिश्वत (किकबैक) लिया है. ये किकबैक कथित रूप से येस बैंक से लोन दिये जाने के एवज में मिला है.

आरोप है कि ये किकबैक जटिल वित्तीय प्रक्रिया के तहत इन कॉरपोरेट घरानो से राणा कपूर की बेटियों को मिला. माना जा रहा है कि डीएचएफल द्वारा DoIT अर्बन वेंचर नाम की कंपनी को 600 करोड़ रुपये का लोन किकबैक ही था, जो कि येस बैंक से मिले लोन को न चुकाने के एवज में मिला था. ईडी अब इन तमाम पहलुओं की जांच कर रहे हैं.

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