राहुल गांधी के खिलाफ आरोप पर चुप रही आडवाणी की अगुआई वाली कमिटी

 नई दिल्ली 
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली लोकसभा एथिक्स कमिटी पूरे कार्यकाल के दौरान निष्क्रिय बनी रही। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एक विवादास्पद शिकायत के बाद भी इस कमिटी की मीटिंग नहीं हुई। कमिटी के सामने राहुल के ब्रिटेन की नागरिकता लेने के आरोप वाली शिकायत रखी गई थी। इसके अलावा संसद की स्टैंडिंग कमिटी ऑन एथिक्स ने नारदा स्टिंग में पकड़े गए तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसदों के खिलाफ सीपीआई (एम) की शिकायत पर भी विचार नहीं किया। लोकसभा सांसदों के लिए आचार संहिता का मुद्दा भी कमिटी के पास लंबित है।  
 
राहुल की नागरिकता पर कमिटी ने नहीं किया विचार 
सूत्रों ने बताया कि कमिटी ने राहुल की नागरिकता के मुद्दे पर विचार नहीं किया और कुछ सदस्यों का कहना था कि इसमें कोई दम नहीं है। कमिटी में शामिल सदस्यों ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि मीटिंग बुलाने का फैसला कमिटी के अध्यक्ष आडवाणी को करना था। कमिटी की अंतिम मीटिंग 3 दिसंबर, 2015 को हुई थी। ईटी ने इस बारे में लोकसभा सेक्रेटरी जनरल, स्पीकर के कार्यालय और आडवाणी को प्रश्न भेजे, लेकिन उनका उत्तर नहीं मिला। 

महेश गिरि ने राहुल की नागरिकता पर आरोप लगाया था 
कमिटी को मार्च 2016 में उसके कार्यकाल की सबसे हाई-प्रोफाइल शिकायत मिली थी। पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में डुअल सिटीजनशिप हासिल की है। उनका कहना था कि यह जानकारी राहुल के टैक्स रिटर्न से मिली है। यह आरोप सबसे पहले सुब्रमण्यन स्वामी ने प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में लगाया था और बाद में इसे लेकर याचिका दायर की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2015 में खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा था कि यह भ्रम टाइपिंग की एक गलती से हुआ है। कमिटी ने राहुल को मार्च 2016 में एक नोटिस भेजा था लेकिन उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

मार्च 2016 में स्पीकर ने नारदा स्टिंग मामला कमिटी को भेजा था। हालांकि, शिकायत को राज्यसभा की एथिक्स कमिटी के पास नहीं भेजा गया था। सूत्रों ने बताया कि कमिटी को शायद यह लगा होगा कि राहुल की नागरिकता के मुद्दे से राजनीतिक हंगामा हो सकता है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने ईटी को बताया, 'नागरिकता का मुद्दा एक सांसद की पात्रता से संबंधित है। इस प्रश्न पर चुनाव आयोग को फैसला करना है, संसदीय कमिटी को नहीं। इस वजह से कमिटी अजीब स्थिति में पड़ गई थी।' 

कमिटी में शामिल बीजेपी के सदस्य करिया मुंडा ने कहा, 'राहुल गांधी के मामले पर कभी चर्चा नहीं की गई। कोई मीटिंग न होने का कारण हमारे अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणीजी ही बता सकते हैं।' 
 

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