रायबरेली: अदिति सिंह ने सुनाई उनपर हुए हमले की कहानी, आज मिलने जा सकती हैं प्रियंका

 
नई दिल्ली 

देश में लोकसभा चुनाव का दंगल चल रहा है लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश के रायबरेली से स्थानीय रंजिश की खबर ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर ली हैं. यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में मंगलवार को सदर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर जानलेवा हमला हुआ तो बवाल हो गया. अदिति सिंह ने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत प्रमुख अवधेश सिंह के कहने पर उनपर हमला किया गया है.

उनके मुताबिक, तब वह लखनऊ से आ रही थीं तो करीब 40-50 लोगों ने उनका पीछा किया और उनपर हमला किया गया. अदिति सिंह गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं, ऐसे में आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनका हालचाल लेने रायबरेली जा सकती हैं.
 
रायबरेली में आखिर हुआ क्या?

देश के इस वीआईपी क्षेत्र लोकसभा चुनाव तो खत्म हो चुका है, लेकिन स्थानीय राजनीति अभी भी चल रही है. मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था, लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस विधायक पर हमला हो गया. अवधेश सिंह, रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दिनेश प्रताप सिंह के भाई हैं. अदिति ने भी अवधेश सिंह पर ही ये हमला करने का आरोप लगाया है.

 पहले किया गाड़ी का पीछा, फिर फायरिंग
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले जब अदिति सिंह लखनऊ से रायबरेली की तरफ जा रही थीं. तब कई गाड़ियों ने उनका पीछा किया, रायबरेली के पास बछरावां टोल प्लाजा के पास उनके काफिले पर पथराव के बाद फायरिंग की गई. इसी दौरान जब अदिति सिंह की गाड़ी की रफ्तार तेज हुई तो गाड़ी पलट गई, इसी में अदिति सिंह समेत कई लोगों को चोट भी आई.

कौन हैं अदिति सिंह?

रायबरेली की राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई कोई नई नहीं है. यहां पर लंबे समय तक राजनीतिक धाक जमाने वाले अखिलेश सिंह इन दिनों बीमार चल रहे हैं और उनकी राजनीतिक विरासत बेटी अदिति सिंह संभाल रही हैं. 2017 में रिकॉर्ड मतों से विधानसभा चुनाव जीतकर वह विधायक बनी हैं. इसके बाद नगर पालिका चुनाव में अदिति सिंह अपने चहेते को जिताने में कामयाब रही थीं. अदिति सिंह का राजनीतिक ग्राफ रायबरेली की सियासत में लगातार बढ़ता गया है.

हाल ही में सोनिया गांधी के चुनाव में भी अदिति सिंह ने काफी मेहनत की है. रायबरेली की सियासत में अदिति सिंह के बढ़ते राजनीति प्रभाव से दिनेश प्रताप सिंह को कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

दिनेश सिंह पिछले 7-8 वर्षों में राजनीतिक ताकत के रूप में उभरे हैं. वो दूसरी बार एमएलसी हैं और उनके परिवार में ही दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी है. इसके अलावा उनके एक भाई हरचंद्रपुर से विधायक हैं.

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