राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम की त्वरित कार्यवाही से बीमारों को मिला इलाज

भोपाल

राज्य-स्तरीय कन्ट्रोल रूम, भोपाल इस महामारी के दौर में गरीबों, मरीजों और अन्य जरूरतमंदों को 24×7 सार्थक सेवाएँ दे रहा है। लोगों को कन्ट्रोल रूम से तुरंत मदद मिल रही है।

हरपाल कुंजाम के बीमार भाई को समय पर मिली एंबुलेंस

यह कहानी है ग्राम लूसा, जिला सिवनी के  हरपाल कुंजाम की। हरपाल कुंजाम अपने देश और प्रदेश में लॉकडाउन का पालन एक जागरूक नागरिक की तरह कर रहे थे, लेकिन उनके छोटे भाई की तबीयत अचानक खराब होने से वे असहज हो गए। उन्होंने अपने गाँव में और परिचितों से इस संबंध में चर्चा की, लेकिन सभी लॉकडाउन के चलते अपनी असमर्थता जताने लगे। इस दौरान उनके भाई की तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी। उन्होंने पहली बार अपने भाई को उल्टी में खून आते देखा तो वे हताश होने लगे। उनके भाई को तत्काल चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता थी।

उन्हें अचानक एक परिचित ने कोरोना कंट्रोल रूम भोपाल की हेल्पलाइन में फोन कर सहायता का अनुरोध करने की सलाह दी।  कुंजाम ने हेल्पलाइन में तत्काल अपनी समस्या दर्ज कराई।  कुंजाम की शिकायत दर्ज कर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश कंट्रोल से दिए गए। उनके भाई को उनके गाँव से एंबुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय सिवनी पहुँचाकर इलाज किया गया। वे त्वरित समाधान से पूरी तरह से संतुष्ट हैं और शासन-प्रशासन का इसके लिए आभार भी व्यक्त करते हैं।

कीमोथैरेपी कराने समय पर पहुँच सकी कैंसर पीड़ित महिला

 सुरेश चौधरी सागर निवासी हैं, इनकी माताजी को कैंसर है, जिनका इलाज विगत चार साल से जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय भोपाल में चल रहा है। इसके लिए उन्हें नियमित कीमोथेरेपी के लिए भोपाल आना होता है। उनकी माताजी की 30 मार्च को कीमोथैरेपी होनी थी लेकिन लॉकडाउन होने के वजह से उनका निकलना मुश्किल हो गया। उन्होंने अपनी शिकायत कोरोना कंट्रोल रूम भोपाल में हेल्पलाइन से दर्ज कराई।

कन्ट्रोल रूप की पहल पर जिला प्रशासन सागर के निर्देश पर  चौधरी को क्षेत्रीय आरटीओ  प्रदीप शर्मा ने परिवहन की अनुमति प्रदान की। अब  चौधरी अपनी माताजी का इलाज भोपाल में करा रहे हैं।  चौधरी ने इस कठिन परिस्थिति में सहयोग के लिए शासन और प्रशासन की सराहना की।

बीमार पिता के पास पहुँच सके इंजीनियर कुशवाहा

रीवा निवासी  मंगीलाल कुशवाहा सिंगरौली के स्टील प्लांट में असिस्टेंट इंजीनियर हैं। लॉक डाउन होने से वह परिवार सहित सिंगरौली में ही रहते है। उन्हें अचानक पता चला कि रीवा में उनके माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनके पिताजी को पैरालिसिस का अटैक आने की वजह से रीवा चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। उन्होंने नागरिक सहायता के लिये मोबाइल नंबर पर अपनी समस्या बताई। प्रशासन ने संवेदनशीलता से उन्हें सिंगरौली से रीवा जाने के लिए प्रशासनिक अनुमति देने के साथ साधन भी उपलब्ध कराया।  कुशवाहा मध्यप्रदेश शासन की इस पहल से प्रसन्न हैं।

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