राजस्थान: कांग्रेस को झटका, BJP संग बेनीवाल

जयपुर
लोकसभा चुनाव में पार्टियों की गोलबंदी तेज हो गई है। राजस्थान के मारवाड़ इलाके में असर रखने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने चुनाव में बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनडीए (नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस) में शामिल होने का ऐलान किया। इसे कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है।

राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा, 'बेनीवालजी की पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। राजस्थान में एक-दूसरे की पूरी मदद करेंगे।' इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'हमें बहुत खुशी है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी अब हमारे साथ है। हम मिलकर काम करेंगे और आरएलपी के मुखिया बेनीवालजी को आग्रह किया है कि वह नागौर से लड़ें। आरएलपी उम्मीदवार के रूप में वह चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी का बाकी सीटों पर प्रचार करेंगे। केवल राजस्थान नहीं हरियाणा और पश्चिमी यूपी में उनके सभी कार्यकर्ता प्रचार करेंगे।'

'कांग्रेस का सूपड़ा फिर साफ करेंगे'
एनडीए में शामिल होते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, 'राष्ट्रहित हमारे लिए सर्वोपरि है। आरएलपी के लिए नागौर सीट छोड़ी है। 24 सीटों के साथ हरियाणा, पश्चिमी यूपी और पंजाब के इलाके में भी आरएलपी के कार्यकर्ता मोदीजी को पीएम बनाने के लिए अपनी ताकत लगा देंगे। सत्ता में रहने के लिए कांग्रेस ने देश को लूटने का काम किया है। राजस्थान में 25-0 का रिजल्ट आएगा और कांग्रेस का सूपड़ा फिर साफ करेंगे।'

पीएम मोदी की तारीफ करते हुए बेनीवाल ने कहा, 'राष्ट्रहित में हमने यह निर्णय लिया है। दिल्ली में कोई तीसरा मोर्चा नहीं नजर आ रहा था। मैं शुरू से बीजेपी में था। पाकिस्तान और चीन का कोई इलाज कर सकता है तो वह नरेंद्र मोदी हैं। अभी एक ही लक्ष्य है नरेंद्र मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना।'

कौन हैं हनुमान बेनीवाल
आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल खुद खींवसर सीट से विधायक हैं। जाट समुदाय से आने वाले बेनीवाल छात्र राजनीति से ही सियासत में सक्रिय हैं। वह लगातार खींवसर सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनाव जीतते रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) का गठन किया था। हालांकि सियासी जानकारों के मुताबिक बेनीवाल की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से नहीं बनती है।

जाट बेल्ट में बीजेपी का दांव?
राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी मारवाड़ इलाके के नागौर, बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, पाली और सीकर जिलों में पार्टी का जनाधार माना जाता है। इस बेल्ट की कई सीटों पर जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। बेनीवाल के आने से बीजेपी को इस क्षेत्र की लोकसभा सीटों पर लाभ मिल सकता है। इसके अलावा हरियाणा, वेस्ट यूपी और पंजाब में भी बेनीवाल के जरिए बीजेपी जाट वोटों में सेंध लगा सकती है। पहले चर्चा थी कि बेनीवाल कांग्रेस के साथ जा सकते हैं लेकिन कांग्रेस ने नागौर सीट से डॉ. ज्योति मिर्धा को टिकट देकर इस पर ब्रेक लगा दिया। नागौर से वर्तमान बीजेपी सांसद सीआर चौधरी का विरोध हो रहा था। ऐसे में बेनीवाल को इस सीट से उतारकर बीजेपी ने नया सियासी दांव खेला है।

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