रहन सहन साफ-सफाई के वक्त डस्ट को इग्नोर करना खतरनाक, हो सकती हैं ये बीमारियां

आप वर्किंग हो या हाउसवाइफ, घर की डसटिंग डेली रूटीन का हिस्सा होती है. लेकिन घर को साफ रखने के चक्कर में लोग कई तरह की एलर्जी का शिकार बन जाते हैं. आज देशभर में Clean Up Your Room Day मनाया जा रहा है. आज इस खास मौके पर जानते हैं धूल के संपर्क में आने से होने वाली एलर्जी और उससे बचने के कुछ खास तरीकों के बारे में .

क्या होती है एलर्जी-

धूल-मिट्टी से एलर्जी होना आम बात है. देश में करीब 20 से 30 फीसदी लोग एलर्जी से पीड़ित हैं, जबकि अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में एलर्जी के मरीजों की संख्या 40 फीसदी से भी ज्यादा है. एलर्जी शरीर की ऐसी स्थिति है जब आपका इम्यून सिस्टम कुछ खास चीजों को स्वीकार नहीं कर पाता है. जिसकी वजह से त्वचा पर लाल चकत्ते निकलने के साथ नाक और आंख से पानी बहना, जी मितलाना, उलटी होना या फिर सांसों का तेज चलना और बुखार तक शामिल है.

किस चीज से होती है एलर्जी-

एलर्जी किसी भी खाने की चीज, पालतू जानवर, मौसम में बदलाव, किसी फूल-फल-सब्जी के सेवन, खुशबू, धूल, धुआं, दवा या किसी भी चीज से हो सकती है.

धूल से कैसे होती है एलर्जी-

धूल के कणों में ऐसे कई माइक्रोब्स मौजूद होते हैं जो ह्यूमिडिटी की वजह से पनपते हैं. इन माइक्रोब्स से होनेवाली एलर्जी में सामान्य तौर पर छींकें, आंख और नाक से पानी बहना जैसी दिक्कत शामिल होती है.

एलर्जी से ऐसे करें बचाव-

-बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए उन्हें धूल-मिट्टी और धूप से बचाने की जगह उसमें खेलने दें. ऐसा करने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होगा. धूल-मिट्टी में खेलने के बाद उनके हाथ-पैर अच्छे से धुलवाना न भूलें.

-यदि आपको धूल और धुएं से एलर्जी है तो घर से निकलने से पहले अपनी नाक पर रुमाल बांध लें. बचाव ही एलर्जी का इलाज है.

-गंदगी की वजह से जिन लोगों को एलर्जी होती है उन्हें समय-समय पर बेड की चादर, तकिए के कवर और पर्दे बदलते रहने चाहिए.

-एलर्जी से पीड़ित लोगों को कारपेट यूज नहीं करना चाहिए. अगर घर को सजाने के लिए कारपेट का इस्तेमाल करते भी हैं तो उसे कम-से-कम 6 महीने में एक बार ड्राइक्लीन जरूर करवाएं.

-एलर्जी का पता लगाने के लिए करवाएं ये टेस्ट-

एलर्जी का पता लगाने के लिए 2 टेस्ट किए जाते हैं. यह टेस्ट हैं स्किन पैच टेस्ट और  ब्लड टेस्ट. माना जाता है कि स्किन पैच टेस्ट के रिजल्ट सटीक होते हैं. जबकि ब्लड टेस्ट को एक्सपर्ट ज्यादा सटीक नहीं मानते. स्किन पैच टेस्ट करवाने का खर्च लगभग 8 से 10 हजार रुपये आता है. इस टेस्ट की खासियत यह है कि इसके जरिए 60 तरह की अलग-अलग एलर्जी के बारे में पता लगाया जा सकता है.

आयुर्वेद में भी एलर्जी का इलाज-

-आयुर्वेद में एलर्जी से बचने के लिए रोज सुबह नीबू पानी पिएं.

– एलर्जी से पीड़ित लोगों को खट्टी और ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए.

-कई बार किसी दवा के सेवन करने से भी एलर्जी की शिकायत हो सकती है. दवा का सेवन हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही करें.

-अगर आपको स्किन एलर्जी है तो फिटकरी के पानी से प्रभावित हिस्से को धो लें. इसके बाद उस जगह नारियल तेल में कपूर या जैतून का तेल मिलाकर लगाएं. ऐसे में चंदन का लेप लगाने से भी राहत मिलती है. ऐसा करने से खुजली कम होने के साथ चकत्ते भी कम पड़ते हैं. 

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