ये राहत कहीं मुसीबत न बन जाए… 500 रुपए खाते में आने की खबर सुनते ही बैंकों के बाहर लग गई लंबी लाइन

शिवपुरी
शुक्रवार से महिला जनधन खाते में 500 रुपए डाले जाने की खबर जैसे ही महिलाओं ने सुनी तो वह बैंक पहुंच गई। खास बात यह रही कि बैंक कर्मी सुबह 10 बजे बैंक पहुंचते हैं, लेकिन उनके आने से पहले ही बैंकों के आगे महिलाओं की लंबी कतारे लग गई। बारी जब भुगतान की आई तो पता चला कि इनके खाते में तो पैसा ही नहीं आया है। बैंक अधिकारियों से बात की तो पता चला कि खाता संख्या के अंतिम अंक के हिसाब से रुपए वितरण की योजना है। इसलिए हो सकता है कुछ महिलाओं को भुगतान न हुआ हो।

गुरुद्वारा स्थित एसबीआई के बाहर सुबह 9 बजे से महिलाओं और युवतियों की भीड़ लग गई। जो दोपहर 12 बजे तक जारी रही। पुरानी शिवपुरी में रहने वाली महिला उपभोक्ता भगवती प्रजापति ने बताया कि उसने टीवी पर देखा था इस वजह से वह बैंक में अपने एकाउंट में पैसा आया कि नहीं यह देखने आई। यदि पैसा मिल जाता है तो इससे कुछ न कुछ हमें राहत मिलेगी। लेकिन जब अंदर जाकर पासबुक पर देखा तो हमें बैंक अधिकारियों ने बताया कि आपके खाते में राशि ही नहीं आई। तो भुगतान कैसे होगा। इसलिए मायूस होकर हम लौट आए। वहीं यही हालात इनकी पड़ाेस में रहने वाली गुड्डी बाई की थी। उनको भी बैंक से भुगतान नहीं हुआ। जिले में 4 लाख 39 हजार खाते महिला जनधन के जिले में हैं।

खाते में 500 रुपए डालने की घोषणा की थी: कोरोना वायरस के चलते सरकार की ओर से महिला जनधन खातों में अप्रैल माह से तीन महीने तक 500 रुपए देने की घोषणा की गई थी। इसकी शुरुआत 3 अप्रैल शुक्रवार से होने की गई थी। महिलाओं ने जैसे ही यह समाचार सुना तो वह उत्साह में सीधे शुक्रवार को बैंक पहुंची। यह बैंक के बाहर और क्योस्क सेंटर पर लाइन लगाकर खड़ी हो गईं।

महिला पीएमजेडीवाई खातों से रुपए निकालने के लिए भीड़ ना लगे इसके लिए अलग-अलग दिनों में अलग-अलग खाता संख्या के अंतिम अंक के हिसाब से रुपए का वितरण करने की योजना बनाई गई थी। जिसमें बताया गया था कि लोग अपनी राशि का आहरण प्राथमिकता के आधार पर अपने पास के एटीएम, कियोस्क सेंटर से करें। लाभार्थी की राशि उसके खाते में सुरक्षित रहेगी उक्त राशि का आहरण 9 तारीख के बाद भी किया जा सकता है, साथ ही उनको सोशल डिस्टेंस अर्थात उचित दूरी बनाए रखने के लिए शासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना होगा। यह निर्देश दिए गए थे। लेकिन महिलाएं पहले ही दिन बडी संख्या में बैंक पहुंच गईं।

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