रियल एस्टेट सेक्टर को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में दिख रहा बड़ा अवसर: क्रेडाई

तेल अवीव
भारत के रियल एस्टेट प्लेयर्स अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में निवेश करेंगे, डिवेलपर्स की संस्था ने यह भरोसा जताया है। क्रेडाई के चेयरमैन जैक्से शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वे इस अवसर के इंतजार में थे और राज्य में रेजिडेंशल के साथ कॉमर्सल प्रॉजेक्ट्स में निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना टूरिज्म के लिए गोल्फ कोर्स, होटल और दूसरी सुविधाओं के विकास की संभावना है।

इजरायल के तेल अवीव में क्रेडाई की सालाना बैठक चल रही है। क्रेडाई चेयरमैन ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि रियल स्टेट में सुस्ती के बावजूद बड़ी संख्या में डिवेलपर्स डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह डिवेलपर्स की दृढ़ता को दिखाता है।

इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए क्रेडाई प्रेजिडेंट सतीश मागर ने होम लोन पर ब्याज दरों को कम करके 7.5% तक लाने की मांग की। क्रेडाई सचिव पंकज गोयल ने सिस्टम में तरलता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। क्रेडाई ने कई फोरम्स की समस्या को हल करने की मांग की। गोयल ने कहा कि रेरा को रेग्युलेशन के लिए मुख्य एजेंसी बनाया जाए और रेरा के निर्देश पर ही कोई दूसरे फोरम्स जैसे एनसीएलटी, एनसीडीआरसी और एसएफआईओ जाए।

शाह ने अफोर्डेबल हाउजिंग में 45 लाख रुपये की ऊपरी सीमा को हटाए जाने की मांग की, क्योंकि यह एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में लोगों को सरकार की योजना का लाभ लेने में समस्या बन रही है।

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