यूपी विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं की राय के बाद ही करेगी गठबंधन

नई दिल्ली 
दो साल पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस कुछ माह बाद होने वाले चुनावों में पुरानी गलतियों को नहीं दोहाएगी। लोकसभा चुनाव में हार के बाद विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी कांग्रेस जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का मन टटोल रही है। पार्टी जिला स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की राय के बाद ही विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रुप देगी।

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव हैं। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समझौता लगभग तय है। हरियाणा में पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पर झारखंड में पार्टी अभी रुख तय कर रही है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय लेकर चुनाव रणनीति का खाका तैयार करेगी।

पार्टी ने झारखंड के सभी जिला अध्यक्षों से गठबंधन और स्थानीय चुनावी मुद्दों पर लिखित राय मांगी है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में गठबंधन बेहतर विकल्प है। पर हम उप्र में सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरह नहीं करना चाहते। कई बार पार्टी स्तर पर गठबंधन हो जाता है, पर जमीनी स्तर पर नहीं उतर पाता। इसलिए सभी से राय मांगी है।

सभी जिला कांग्रेस की राय मिलने के बाद यह साफ हो जाएगा कि कौन-कौन लोग गठबंधन के पक्ष में है और कौन खिलाफ है। ऐसे में पार्टी के पास दोनों स्थितियों में रणनीति बनाने और जमीनी स्तर पर उतारने में आसानी होगी। क्योंकि, कई बार जिला स्तर पर नेता और कार्यकर्ता गठबंधन के खिलाफ होते हैं और दो पार्टियों आपस में समझौता कर लेती है। कई बार इससे नुकसान होता है।

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