पत्रकारिता के बजाए साधु-संतों पर शोध कर 1 करोड़ से ज्यादा किए खर्च, फरार हुए पूर्व कुलपति

भोपाल
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला एक बार फिर अपने एक न कारनामे के चलते मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. इससे पहले भी बृजकिशोर कुठियाला फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में फंस चुके हैं. आरोप है कि कुठियाला ने प्रोफेसर राकेश सिन्हा के कहने पर रिसर्च कराई थी, जिसका कुल खर्च एक करोड़ साढ़े 7 लाख रुपए बताया गया है. इसमें कई किताबें भी लिखी गई थीं, लेकिन इस रिसर्च और किताबों का कोई भी फायदा यूनिवर्सिटी या छात्रों को नहीं मिला.

दरअसल,  कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पत्रकारिता के बजाए ऋषियों और संतों पर शोध कराया है. उस शोध में के दौरान उन्होंने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया है, जिसके बाद EOW ने फरार घोषित कर दिया और गिरफ्तारी नहीं होने पर उन पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है.

बताया जा रहा है कि कुठियाला ने महर्षि पंतजलि, महर्षि अरविंदो और विवेकानंद जैसे विद्वानों पर रिसर्च, किताबें प्रकाशित करने, पाठ्यक्रम बदलने जैसे करीब एक करोड़ सात लाख से ज्यादा खर्च किए, जो विश्वविद्यालय के लिए कोई उपयोगी साबित नहीं हुआ. यही नहीं सरकार की जांच समिति ने कुठियाला को आवंटित लैपटॉप को जमा करते समय विवि को दी गई राशि भी कम होना पाया है, जिसकी ईओडब्ल्यू द्वारा जांच की जा रही है.

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