यूपी पुलिस कर्मियों को 60 जिलों में मिलेगा सस्ता इलाज

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मियों व उनके आश्रित परिवारीजनों को जल्द ही 60 जिलों में सस्ते इलाज की सुविधा मिल सकेगी। यह सुविधा फिलहाल 15 जिलों में मिल रही है। केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत मंजूर दरों पर इलाज मिलने से काफी राहत मिलेगी।

पुलिस मुख्यालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले 15 जिलों में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों पर इलाज के लिए निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों में इलाज के लिए एमओयू कराया था। इनमें गोरखपुर, महराजगंज, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, आगरा, सहारनपुर, वाराणसी, अलीगढ़ व बरेली जिले शामिल हैं।

इन जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने पुलिस मुख्यालय की तरफ से निजी अस्पतालों व जांच केंद्रों के साथ समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। डीजीपी ओपी सिंह की पहल पर यह सुविधा अब 60 जिलों में देने की तैयारी चल रही है।

सीजीएचएस दरों पर इलाज का अनुबंध होने से पुलिसकर्मी निजी अस्पतालों में कम दरों पर अपना और परिवार का इलाज करा लेते हैं। पुलिस कर्मी अपने हेल्थ कार्ड के जरिए इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। पुलिस कर्मियों को लखनऊ के केजीएमयू और पीजीआई में तो कैशलेस इलाज की सुविधा है लेकिन अन्य सरकारी या निजी अस्पतालों में इलाज कराने के बाद शासन से चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलती है।

कई बार निजी अस्पताल में इलाज पर खर्च काफी ज्यादा हो जाता है लेकिन शासन की तरफ से मान्य दरों के मुताबिक ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति मंजूर की जाती है। इससे पुलिस कर्मियों को इसका खर्च स्वयं वहन करना पड़ता है। कई बार तो पुलिस कर्मी अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण निजी अस्पतालों में इलाज ही नहीं करा पाते। सीजीएचएस के तहत इलाज काफी सस्ता हो जाता है। ज्यादातर मामलों में 30 से 40 फीसदी खर्च में ही इलाज हो जाता है।

 

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