यूपी की राज्यपाल आंनदी बेन की शपथ के साथ नई परंपरा की शुरुआत

लखनऊ  
नव नियुक्त राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल शपथ ग्रहण के पांच घंटे बाद मुआयाना करने निकल गईं। शाम सवा पांच बजे के करीब राज्यपाल प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह शिशु और राजकीय दत्तक गृह पहुंचीं। वहां उन्होंने न केवल बच्चों से बातचीत की बल्कि बालगृह की स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की। सुधार के निर्देश दिए।

राजकीय बालगृह शिशु में नवजात से लेकर 10 वर्ष के बच्चे रहते हैं। यहां की क्षमता 50 की है लेकिन मौजूदा समय 84 बच्चे रह रहे हैं। राज्यपाल ने बालगृह के प्रथम तल पर अतिरिक्त कमरे बनवाने का सुझाव दिया। उन्होंने डॉरमेट्री देखी तो वहां भी जगह काफी कम थी। इसी तरह दत्तक गृह में क्षमता 10 की है लेकिन 27 बच्चे रह रहे हैं। राज्यपाल ने किचेन और डॉक्टर कक्ष भी देखा। यहां रह रहे 17 मानसिक मन्दित बच्चों को पोषक आहार देने को कहा।

राष्ट्रपति की तर्ज पर नई परंपरा की शुरुआत
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की शपथ के साथ राजभवन की सदियों पुरानी रुढ़िवादी परंपरा टूट गई। राष्ट्रपति भवन की तर्ज पर राज्यपाल राम नाईक नवनियुक्ति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मंच तक साथ ले गए। शपथ से पहले श्री नाईक राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे और आनंदीबेन दूसरी कुर्सी पर। शपथ के बाद राम नाईक ने आनंदीबेन को राज्यपाल की कुर्सी पर आसीन कराया और श्री नाईक उनकी कुर्सी पर बैठे। श्री नाईक के परिवार के साथ दोपहर भोज किया और उनको मुंबई जाते समय राजभवन पोर्टिको में विदाई दी। 

मंत्रियों तक को देर तक खड़े रहने पड़ा 
शपथ ग्रहण समारोह में खासी अव्यवस्था रही। गांधी सभागार में कई वरिष्ठ मंत्रियों सूर्यप्रताप शाही, मोहसिन रजा आदि को देर तक खड़े रहने के बाद कुर्सी मिली। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार सहित कई वरिष्ठ अफसरों को भी कुर्सी नहीं मिली तो वे प्रेस दीर्घा में बैठने को विवश हुए। बाद में राजभवन के स्टाफ से कुर्सियां खाली कराकर अतिथियों को बिठाना पड़ा। 

मुख्य सचिव ने राष्ट्रपति का नियुक्ति पत्र पढ़ा
शपथ से पहले शपथ समारोह का संचालन कर रहे मुख्य सचिव डा.अनूप चंद्र पांडेय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भेजा गया राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का नियुक्ति पत्र पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गुजरात से आनंदीबेन के परिवारीजन आए थे। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे, डीजीपी ओपी सिंह मौजूद रहे।   
 

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