युवाओं को जरूर जाननी चाहिए Cholesterol से जुड़ी ये बातें

हम जब भी कभी दिल से जुड़ी किसी बीमारी या कलेस्ट्रॉल जैसे विषय पर बात करते हैं तो हमारे दिमाग में पहला खयाल ही उन लोगों का आता है, जो 40 साल की उम्र को पार कर चुके होते हैं या इसके आस-पास होते हैं। लेकिन अगर युवा अपनी कम उम्र में ही कुछ बातों और चीजों का ध्यान रखें तो लंबे समय तक यानी अपने बुढ़ापे में भी शानदार लाइफ इंजॉय कर सकते हैं…

Cholesterol सिर्फ खतरनाक नहीं
कलेस्ट्रॉल सिर्फ खतरनाक नहीं होता, यह हमारे शरीर की जरूरत है। जो वास्तव में एक केमिकल कंपाउड है और हमारे लीवर में होता है। यह इसकी जरूरत नई सेल्स के बनने और हॉर्मोंस मैनेजमेंट में होती है। लेकिन अगर यह अपनी सीमा से अधिक बढ़ जाए तो हमें परेशानी होती है।

तब होती है दिक्कत
कलेस्ट्रॉल बढ़ने की दिक्कत तब होती है जब हम कुछ ऐसे काम करते हैं, जिन्हें हमारी बॉडी आसानी से स्वीकार नहीं कर पाती। इनमें बहुत अधिक फास्ट फूड का सेवन, साथ ही ओवर इटिंग भी शामिल है। इससे लिवर पर असर पड़ता है।

ऐसे बनता है कलेस्ट्रॉल
हमारे शरीर में कलेस्ट्रॉल का निर्माण लिवर में होता है। लेकिन रोज-रोज हाई कलेस्ट्रॉल वाला खाना खाने पर इसकी मात्रा शरीर में बढ़ने लगती है। हम जब भी कुछ खाते हैं तो कलेस्ट्रॉल हमारी आंते ग्रहण कर लेती हैं। जबकि अतिरिक्त कलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। यह कलेस्ट्रॉल हमारी नसों-नाड़ियों में जमा होने के कारण और खून के सही प्रवाह को बाधित करता है।

और ऐसे बढ़ जाता है इसका स्तर
जब भी हमारे शरीर को कलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है तो छोटी आंत द्वारा ग्रहण किया गया कलेस्ट्रॉल शरीर की जरूरत पूरा करने के लिए लिवर निकाल लेता है और उसका उपयोग कर लेता है। लेकिन बहुत अधिक मात्रा में ऐसा भोजन करने पर जिसमें कलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो शरीर में हार्मफुल कलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है, जिसे मेडिकल की भाषा में एलडीएल कहते हैं। एलडीएल ब्लड सर्कुलेशन को इस कदर बाधित कर देता है कि हर्ट और ब्रेन पर असर पड़ने लगता है। जो जानलेवा भी हो सकता है।

अचानक ही पता चलता है
कलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में बढ़ गई है, इस बात का पता अचानक किसी बीमारी के रूप में ही चलता है। क्योंकि हाई कलेस्ट्रॉल के ऐसे कुछ सिम्टम्स नहीं होते हैं कि उन्हें पहचाना जा सके। सिर्फ ब्लड टेस्ट के जरिए ही इस बारे में पता चल सकता है। इसलिए 25 साल की उम्र के बाद हर साल एक बार कंप्लीट बॉडी चेकअप या ब्लड टेस्ट्स जरूर कराने चाहिए।

तो बस इतना-सा करना है
तो उम्र बढ़ने का साथ आपमें दिल और दिमाग से संबंधित बीमारियों का खतरा ना बढ़े इसके लिए जरूरी है कि अपनी पसंद की हर चीज खाएं लेकिन कुछ कंट्रोल करते हुए। साथ ही फिजिकल ऐक्टिविटी जरूर करें।

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