यह ट्रंप कार्ड चल किसानों को लुभाएंगे PM मोदी

हैदराबाद 
हाल ही में तीन राज्यों में चुनावी हार झेलने के बाद केंद्र की मोदी सरकार किसानों को अपने पक्ष में लाने के लिए ट्रंप कार्ड चल सकती है। यह ट्रंप कार्ड किसानों को एकमुश्त रकम दिए जाने का हो सकता है। केंद्र सरकार अपने स्तर पर भले ही पहली बार ऐसी कोई योजना लाने जा रही है, लेकिन उसे यह प्रेरणा तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव सरकार से मिली है।  

बीते साल नवंबर में दिल्ली में जब देश भर के किसानों का जमावड़ा लगा था तो उसमें तेलंगाना के किसान शामिल नहीं थे। इसकी वजह यह शायद तेलंगाना सरकार की 'रैत बंधु' योजना ही थी, जिससे किसानों को कुछ राहत मिली है। यही नहीं ऐसे वक्त में जब बीजेपी ने तीन राज्यों की अपनी सत्ता गंवा दी, तब केसीआर जोरदार बहुमत के साथ दोबारा लौट आए। 

अब 2019 में केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए मोदी सरकार भी ऐसी ही स्कीम पर गंभीरता से विचार कर रही है। 2018 में लॉन्च की गई रैत बंधु स्कीम भारत की पहली ऐसी योजना है, जिसमें किसानों को सीधे कैश ट्रांसफर किया जा रहा गै। इससे 57 लाख लोगों को फायदा हुआ है। 

तेलंगाना में एक साल में किसानों को मिले 8,000 रुपये
बीते साल तेलंगाना में किसानों को हर बुआई सीजन पर प्रति एकड़ 4,000 रुपये की रकम दी गई थी। यही नहीं यह रकम किसानों को बिना इस शर्त के दी गई कि उनकी जमीन पर फसल बोई गई है या नहीं। कुल मिलाकर साल भर में प्रति एकड़ किसानों को 8,000 रुपये एक साल में सीधे खाते में दिए गए। इससे सरकार पर तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा। 

छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और बंगाल ने किया ऐलान 
इस स्कीम के राजनीतिक असर को हालिया विधानसभा चुनाव में टीआरएस की बंपर जीत से समझा जा सकता है। विधानसभा की कुल 119 सीटों में से टीआरएस ने 88 सीटों पर जीत हासिल की। तेलंगाना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य पहले ही ऐसी स्कीम का ऐलान कर चुके हैं या फिर योजना बना रहे हैं।' उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भी इस योजना की बाबत हमसे बात की। 

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