मेहनत रंग लाई धारावी से आई अच्छी खबर

मुंबई
मुंबई में बढ़ते कोरोना मामलों में बहुत हद तक वजह स्लम एरिया धारावी को माना जा रहा है। जहां कोरोना के कुल 1,541 मामले हैं। घनी आबादी के कारण यहां कई चुनौतियां भी सामने आईं मसलन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और साफ-सफाई। इसके धारावी के साथ आस-पास के इलाके भी कोरोना के हॉटस्पॉट बन गए। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब धारावी में कोरोना मामलों में थोड़ा सुधार हुआ है। बुधवार को यहां एक दिन में सबसे कम 18 संक्रमित सामने आए। वहीं कोरोना के दोगुनी होने की रफ्तार और औसत ग्रोथ रेट भी कम हुआ है।

धारावी में कुल 1,541 कोरोना केस हैं जिनमें से 453 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। यहां कोरोना के दोगुनी होने की दर अब 3 दिन से 19 दिन हो गई है जबकि पूरे मुंबई में यह दर 11 दिन है। अगर ऐसा ही रहा कि धारावी में भी डी वार्ड (वर्ली, लोवर परेल) की तरह सुधार देखने को मिल सकता है। जहां 21 मई तक 812 केस थे जिनमें से 410 ठीक हो चुकी है।

औसत रेट घटकर हुआ 5.1 फीसदी
धारावी में अब तक 59 की मौत हो चुकी है। उत्तरी मुंबई के जी वॉर्ड में कुल 2,077 कोरोना मामले हैं। इसी वार्ड में दादर, महीम और धारावी जैसे इलाके हैं। जी वार्ड में कोरोना की औसत रेट घटकर 5.1 फीसदी हो गई है जिसका आकलन पिछले सात दिनों में कोरोना के मामले को देखते हुए किया गया है। जबकि मुंबई में कोरोना की औसत ग्रोथ रेट 6 फीसदी है।

मुंबई के रेड जोन से बाहर आने में धारावी की होगी भूमिका
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल दो हफ्ते पहले दिल्ली की एक्सपर्ट टीम के साथ धारावी में थे। इस पर कोई शक नहीं कि लॉकडाउन खत्म होने के लिए मुंबई को रेड जोन से बाहर निकलना होगा और इसके लिए धारावी में कोरोना मामलों की संख्या को स्थिर करना होगा।

धारावी में कैसे रंग ला रही है मेहनत
धारावी में पहला केस 1 अप्रैल को सामने आया था। 15 अप्रैल तक यहां 100 केस हो चुके थे। 27 अप्रैल से 15 मई तक जी नॉर्थ वार्ड में 95 केस सामने आए, इनमें से अधिकतर स्लम एरिया से आए। अब यह औसत दर घटकर 25 हो गई है। वार्ड के अपर निगम आयुक्त किरण दिघावकर ने बताया, 'अग्रेसिव टेस्टिंग यानी अधिक से अधिक जांच इसके पीछे बड़ा फैक्टर है। बीएमसी के साथ प्राइवेट डॉक्टर और अस्पताल भी आगे आए और बड़ी मदद की। हमने स्लम इलाकों में 4.5 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की। 24 प्राइवेट डॉक्टरों ने डोर-टु-डोर स्क्रीनिंग की। उन्होंने 50 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की और एक पैसा नहीं लिया।'

लोगों को घर में पहुंचाया खाना
धारावी में 2400 से अधिक हेल्थकेयर वर्कर तैनात हैं जिनमें से 27 प्राइवेट डॉक्टर, 29 नर्स, 68 वार्ड बॉय और 11 को-ऑर्डिनेटर, और दो फार्मासिस्ट हैं। दिघावकर ने बताया, 'इसके अलावा इस इलाके में खाने के जुगाड़ में परेशान लोगों की पहचान करके उनकी मदद की। हमने लोगों को घर से बाहर नहीं आने दिया बल्कि घर पर ही मदद पहुंचाई। एनजीओ ने अब तक 23 हजार फू़ड पैकेज डोनेट किए।'

दिघावकर ने बताया, 'इसके अलावा हाई रिस्क वाले लोगों को क्वांरटीन की सलाह दी गई। हमने लगातार लोगों से संपर्क बनाए रखा और इस वजह से 7,992 लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन करने में मदद मिली।'

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