अमेरिका- वह पूरे हालात पर बारीक नज़र , भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प

 नई दिल्ली
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच पिछले एक माह से चल रहे टकराव ने सोमवार देर रात हिंसक रूप ले लिया। भारतीय सेना के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ झड़प में भारत के कमांडिंग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान शहीद हो गए। वहीं, दावा किया कि जवाबी कार्रवाई में 43 चीनी सैनिक मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सेना ने बयान में कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान इलाके में 15-16 जून की रात झड़प हुई थी। इसमें दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए हैं। झड़प जवानों के अपनी-अपनी जगहों से पीछे हटने के दौरान हुई।
 
–  भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह पूरे हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। अमेरिका ने हिंसक झड़प में शहीद हुए भारत के 20 जवानों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।
 
– हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत और चीन के बीच बिगड़ते हालातों पर पाकिस्तान 'कड़ी निगरानी' कर रहा है। पाकिस्तान के जियो न्यूज के कार्यक्रम पर बोलते हुए, कुरैशी ने कहा कि चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवादित लद्दाख क्षेत्र में वृद्धि की जिम्मेदारी भारत के साथ है- तो भारत में सड़क को वहां सड़क निर्माण नहीं करना चाहिए था।

– संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम” बरतने का आग्रह किया। 
 
गोलीबारी नहीं, पथराव हुआ
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से सैनिकों द्वारा कोई गोलीबारी नहीं की गई है। सैनिकों के बीच पथराव हुआ। डंडों से एक-दूसरे पर हमला किया गया। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। हालांकि, अभी इस बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है।

गलवान घाटी में विवाद क्यों?
गलवान घाटी लद्दाख और अक्साई चीन के बीच भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित है। यहां पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) अक्साई चिन को भारत से अलग करती है। चीन यहां पहले ही जरूरी सैन्य निर्माण कर चुका है और अब वो मौजूदा स्थिति बनाए रखने की बात करता है। वहीं, अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अब भारत भी वहां पर सामरिक निर्माण करना चाहता है। इसी को लेकर दोनों देशों में विवाद है।

चीन ने सीमा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। इसकी वजह से हिंसक आमना-सामना हुआ। भारत ने हमेशा गतिविधि एलएसी के भीतर की है। 
– विदेश मंत्रालय, भारत

भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने इसे तोड़ दिया और सीमा को पार किया।
-विदेश मंत्रालय, चीन

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