मुश्किल में कांग्रेस: बैक डेट में जारी किया लेटर; सरकार बनने से पहले ही कर दी थी कम्प्यूटर बाबा की नियुक्ति

भोपाल
 लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को देश में आचार संहिता लागू हुई। लेकिन मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले कई तबाड़तोड़ फैसले लिए। आचार संहिता लगने के थोड़ी देर पहले ही कमलनाथ सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को 'मां नर्मदा, मां शिप्रा एवं मां मंदाकिनी नदी न्यास' का अध्यक्ष नियुक्त किया है। लेकिन जो लेटर जारी किया गया था उस लेटर में मार्च 2018 की डेट ड़ाली गई है।

मार्च में भाजपा की सरकार थी
मार्च 2018 में मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार थी और शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। शिवराज सिंह ने कम्प्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्ज दिया था लेकिन चुनाव के ठीक पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस के समर्थन में आ गए थे।

दिसंबर में बनी कमलनाथ सरकार
मध्यप्रदेश में नवंबर में वोटिंग हुई थी जबकि कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 16 दिसंबर 2018 में श्पथ ली थी।

शिवराज सिंह ने उठाया सवाल
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा- सब गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है! कमलनाथ सरकार ने फिर एक अनोखा कारनामा कर दिखाया। आचार संहिता के चक्रव्यूह से बचने के लिए कंप्यूटर बाबा को बैक डेट में नियुक्ति दे दी। हड़बड़ी ऐसी कि एक साल पीछे की तारीख पर नियुक्ति हो गई, जब न प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, न कमलनाथ मुख्यमंत्री।

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