मुरैना में रात में क्वारंटाइन सेंटर से 350 लोग भागे

मुरैना
 केंद्र सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद मुरैना जिला प्रशासन दिल्ली से पलायन कर आए बुंदेलखंड के जिलों के मजदूरों को रोक नहीं पाया। मंगलवार को जिन 350 मजदूरों को एसआरडी कॉलेज स्थित क्वारंटाइन केंद्र में लाया गया था, वे शाम को ही कॉलेज का गेट तोड़कर व पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की कर भाग निकले। कुछ बच गए थे तो प्रशासन ने बस से उन्हें बुंदेलखंड के विभिन्ना जिलों तक पहुंचा दिया।

बुधवार को भी पलायन करके 155 मजदूर आए। इन्हें भी खाना खिलाने के बाद दो बसों से भेज दिया। जिला प्रशासन के अफसर अब राजस्थान धौलपुर प्रशासन की गलती बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के मूवमेंट को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने निर्देश दिए थे कि हर प्रदेश की सीमा पर क्वारंटाइन केंद्र बनाए जाएं और प्रशासन इन मजदूरों को इन केंद्रों में 14 दिन तक रखे।

मंगलवार को दिल्ली की तरफ से 350 मजदूर राजस्थान की सीमा पार कर मुरैना आए। इन्हें प्रशासन व पुलिस ने हाइवे पर स्थित एसआरडी कॉलेज में रखा। रात में कुछ मजदूर कॉलेज का गेट तोड़कर व पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की कर खेतों के रास्ते भाग गए। जो मजदूर बचे उन्हें प्रशासन ने बस से छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, झांसी, ललितपुर व सागर भेज दिया।

एसडीएम आरएस बाकना का कहना था कि मजदूरों को राजस्थान को रोकना था और उन्हें क्वारंटाइन में रखना था, लेकिन राजस्थान ने मजदूरों को नहीं रोका। हमने तो उन्हें खाना खिलाया है और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद की है। राजस्थान की गलती है। हमारी नहीं है।

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