मार्च में नहीं बिकी एक भी टाटा नैनो, क्या इतिहास बन जाएगी लखटकिया कार?

 
नई दिल्ली   
 
एक समय में आम आदमी की कार बताई गई नैनो के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के बादल और गहरा गए. टाटा मोटर्स ने लगातार तीसरे महीने मार्च में नैनो का प्रोडक्शन नहीं किया. शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में टाटा कंपनी ने कहा कि मार्च महीने में एक भी नैनो कार की बिक्री नहीं हुई.

दरसअल एक वक्त में टाटा नैनो को आम लोगों की कार और लखटकिया कार कहा गया था. कंपनी की रतन टाटा की ड्रीम कार में अब और ज्यादा निवेश नहीं करने की योजना है, क्योंकि यह बीएस-6 मानकों और अन्य सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करती है. वहीं कंपनी की अब इस कार को BS-VI एमिशन नॉर्म्स के अनुरूप अपग्रेड करने की कोई योजना भी नहीं है.

बता दें, इस साल अक्टूबर में नए सुरक्षा मानदंड आ जाएंगे, और 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 लागू होने जा रहा है. खबरों की मानें तो कंपनी इस कार का प्रोडक्शन अप्रैल 2020 में बंद कर सकती है. हालांकि टाटा मोटर्स अब तक इस बात पर कायम रही है कि नैनो के भविष्य को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है.

कंपनी ने कहा है कि मार्च में नैनो की एक भी यूनिट का ना तो उत्पादन हुआ और ना ही बिक्री हुई. पिछले साल के इसी महीने में कंपनी ने 31 नैनो का उत्पादन किया था और 29 इकाइयों की बिक्री की थी.

गौरतलब है कि नैनो कार रतन टाटा के दिमाग की उपज थी. उन्होंने दोपहिया वाहनों पर सवारी करने वाले परिवारों को नैनो के रूप में एक सुरक्षित और किफायती विकल्प देने की परिकल्पना की थी. लेकिन इस कार ने भारतीयों के दिलों में जगह नहीं बना पाई. नैनो कार को 2009 में लगभग एक लाख रुपये की कीमत पर बाजार में उतारा गया था. 23 मार्च 2009 को इसका पहला मॉडल लॉन्च हुआ था.

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