मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस: सूत्र

नई दिल्ली 
पुलवामा हमले के बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और भारत में कई हमलों के जिम्मेदार मसूद अजहर को पूर्ण प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव देगा। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है। यह जानकारी फ्रांस सरकार के सूत्रों ने दी है।  

यह दूसरा मौका होगा, जब ऐसे किसी प्रपोजल को फ्रांस यूएन के सामने पेश करेगा। इससे पहले 2017 में अमेरिका ने यूके के समर्थन से यूएन के सेक्शन कमिटी 1267 के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की थी। हालांकि उस प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था। 

फ्रांस सरकार के अहम सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'अगले एक-दो दिन में ही फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव देगा, जिसमें मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करने की मांग की जाएगी।' सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के इस प्रस्ताव पर फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच आज सुबह ही चर्चा हुई। फ्रांस ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को अपने राजनयिक प्रयासों का समन्वय करना चाहिए। 

बता दें कि पुलवामा हमले के एक दिन बाद भारत ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम शुरू कर दी थी। विदेश सचिव विजय गोखले ने दिल्ली में करीब दो दर्जन राजदूतों से मुलाकात की। भारत ने पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा भी वापस ले लिया। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि एमएफएन का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर होगा।

पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा की गई हरकत पर सरकार पूरी तरह से बदले के मूड में है और आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की मिलीभगत की पोल खोलकर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जा रहा है। सरकार अपनी रणनीति के तहत देश के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर सबको अपने विश्वास में लेना चाहती है ताकि इस घटना का सैन्य स्तर पर मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। 

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