मलेशिया: डिप्टी सीएम बोले- नफरत फैला रहा जाकिर नाइक, वापस भेजने की जरूरत

नई दिल्ली

    पीनांग के डिप्टी सीएम पी रामासामी ने कहा कि नाइक ने तनाव बढ़ा दिया था.रामासामी ने कहा कि नाइक को वापस भेजने की आवश्यकता है.

मलेशिया ने मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक की तकरीरों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बात करते हुए मलेशिया के पीनांग के डिप्टी सीएम पी रामासामी ने कहा कि नाइक ने तनाव बढ़ा दिया था. नाइक हमारे लिए जहर है. वह अपनी तकरीरों से नफरत फैलाता है. इसलिए हमने उस पर प्रतिबंध लगा दिया है.

जाकिर नाइक के माफीनामे पर डिप्टी सीएम पी रामासामी ने कहा कि उन्होंने (जाकिर नाइक) दिल से माफी नहीं मांगी. उसे वापस भेजने की आवश्यकता है. वहीं, मलेशिया में कुछ भारतीय ने जाकिर नाइक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.

नस्लीय टिप्पणी मामले में मलेशिया में जाकिर नाइक फंसता जा रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए मलेशिया में उस पर सार्वजनिक सभा में भाषण देने पर रोक लगा दी गई है. 3 अगस्त को एक भाषण के दौरान उसने मलेशिया में रह रहे हिंदुओं और चीनी समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. नाइक ने बयान में कहा था, 'मलेशिया में रह रहे हिंदुओं के अधिकार भारत में रह रहे मुसलमानों की तुलना में 100 गुना ज्यादा हैं.' उसने चीनी समुदाय को भी देश छोड़कर जाने को कहा था.

हालांकि मंगलवार को उसने बयान को लेकर माफी मांग ली और कहा कि बयान का गलत मतलब निकाला गया. बता दें कि नाइक भारत में वॉन्टेड है. उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें जारी हैं. उस पर आतंकी गतिविधियों और भाषण के जरिए नफरत फैलाने का आरोप है. 53 साल के जाकिर नाइक ने 3 साल पहले भारत छोड़ा था और भागकर मुस्लिम बहुल मलेशिया में बस गया, जहां उसे स्थायी नागरिकता मिल गई.

पिछले साल जुलाई में भारत ने मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध किया था. हालांकि तब मलेशिया के पीएम ने कहा था कि उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह कोई परेशानी खड़ी नहीं कर रहा है. लेकिन हाल ही में पीएम ने यह भी कहा कि अगर नाइक की हरकतें देश के खिलाफ हुईं तो उसकी स्थायी नागरिकता वापस ली जा सकती है. 

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