20 माह में टेरर फंडिंग से जुड़े 31 समूहों पर लगाया बैन, पाकिस्तान को FATF की ब्लैक लिस्टिंग का डर

 इस्लामाबाद 
पाकिस्तान के गृह मंत्री एजाज शाह ने कहा है कि पिछले 20 महीने में दो मुख्य और 11 संबद्ध संगठनों को प्रतिबंधित किया गया और उनकी 976 चल एवं अचल संपत्तियों को जब्त किया गया। पाकिस्तान द्वारा धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर एफएटीएफ का आकलन शुरू करने के नए चरण के पहले गृह मंत्री का यह बयान आया है।

पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने वर्तमान में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखा है। धन शोधन रोकथाम और आतंकवाद के वित्तपोषण को नहीं रोकने की स्थिति में पाकिस्तान को नियम का पालन नहीं करने वाले देशों की सूची में रखा जा सकता है। इससे बचने के लिए पाकिस्तान ने हालिया महीनों में कई तरह के कदम उठाने का दावा किया है क्योंकि ऐसा नहीं होने पर पहले से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचने की आशंका है।

'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक बुधवार (10 जून) को शाह ने बैठक में एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने पेश किया। इसमें उन्होंने अगस्त 2018 से अप्रैल 2020 तक पिछले 20 महीने में अपने मंत्रालय और विभिन्न विभागों के काम-काज का ब्योरा दिया है। रिपोर्ट में मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाई गई हैं। इसमें कहा गया है कि एफएटीएफ के तहत अधिकतर प्रतिबद्धताओं को पूरा किया गया है। अखबार की एक खबर में कहा गया है, ''सौंपे गए कार्य की चुनौतियों और आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बावजूद मंत्रालय एफएटीएफ की अधिकतर प्रतिबद्धताओं को लागू करने में कामयाब रहा है। इसके साथ ही कुछ विधायी संशोधन भी किए गए हैं।"
 

मंत्रालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने दो मुख्य और 11 संबद्ध संगठनों के साथ ही प्रतिबंधित संगठनों की 976 चल -अचल संपत्तियों को जब्त किया है। अखबार की खबर में प्रतिबंधित संगठनों के नाम नहीं दिए गए हैं। कुल संख्या का जिक्र किए बिना कहा गया है कि मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठनों के स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, एंबुलेंस को सरकार के नियंत्रण में ले लिया है। इसके अलावा रिपोर्ट में 200 से ज्यादा लोगों को सजा दिलाने, जब्त 240 करोड़ की संपत्ति को भी मंत्रालय की उपलब्धियों के तौर पर बताया गया है। 

मंत्रालय ने कहा है कि आतंक रोधी कानून (एटीए) 1997 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के नियमों के अनुरूप बनाया गया है। चौथी अनुसूची का निरीक्षण पूरा हो गया है, चौथी अनुसूची को तीन श्रेणियों में बांटा गया और उनके प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई। एफएटीएफ ने औपचारिक रूप से जून 2018 में पाकिस्तान को अपने 'ग्रे लिस्ट' रखते हुए कहा था कि अपनी सरजमीं पर आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए उसने जरूरी कदम नहीं उठाए हैं।

वैश्विक संस्था ने अपनी 27 सूत्री कार्य योजना को लागू करने के लिए पाकिस्तान को 15 महीने का समय दिया था। अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने काली सूची में डालने से बचने के लिए पाकिस्तान को और चार महीने की मोहलत दी थी। इस साल 21 फरवरी को वैश्विक संस्था ने पाकिस्तान को काली सूची में नहीं डालने का फैसला किया और जून अंत तक दिए गए कार्य को पूरा करने का समय दिया था। संभावना है कि एफएटीएफ पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर इस महीने आकलन करेगा।

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