ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, कहा- हम शांत नहीं बैठेंगे
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी)प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए चुनाव आयोग को निष्पक्ष होना पड़ेगा। उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही। दरअसल बनर्जी ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने काफी सख्त भाषा का इस्तेमाल किया था।
ममता ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्थान है जिसके प्रति मेरा सममान बहुत अधिक है। हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग अच्छा प्रदर्शन करे। भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोग चुनाव आयोग से उनके कुछ अधिकारियों के तबादले के लिए कहते हैं और वह उनकी बातों पर अमल करता है…जो हो रहा है। प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि पश्चिम बंगाल की स्थिति खराब थी इसलिए सात चरणों में चुनाव कराया जा रहा है। दूसरे उदाहरण के रूप में मैंने देखा कि तीन प्रतिभावान अधिकारियों के तबादले अकारण एक विश्वासघाती के इशारे पर किये गये जो अब भाजपा के साथ हैं, तब मैं आश्वस्त हो गई कि यह भाजपा का किया गया फैसला है कि कितने चरणों में बंगाल में चुनाव होगा और किन अधिकारियों का तबादला होगा।
ममता ने पूछा कि आंध्र प्रदेश कैडर के नामी पुलिस अधिकारी का तबादला क्यों किया गया! क्या यह अपमानजक नहीं है। केंद्र सरकार को सबसे पहले केंद्रीय गृह सचिव का तबादला करना चाहिए। बनर्जी से यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव आयोग को अपने विश्लेषण के अनुसार कर्मियों का तबादला करने का अधिकार है? के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग को लगता है कि मामला वास्तविक है तो तबादला करने का अधिकार है। मैंने चुनाव आयोग के पूर्व आयुक्त से बात की है। वास्तव में अगर तबादला करने की जरूरत पड़ती है तो राज्य सरकार से कहा जाता है कि वह तीन सदस्यी पैनल गठित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग ने नियमों का उल्लंघन किया और वैसा ही किया जैसा कि भाजपा ने कहा है। वे मेरा क्या कर सकते हैं? उनके पास क्या शक्ति है? प्रधानमंत्री हर दिन सेना का नाम खराब कर रहे हैं, लेकिन क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है? चुनाव के नाम पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। हम शांत नहीं बैठेंगे। हम लोगों से इस पर नजर रखने के लिए कहेंगे।