मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट तेज, विकल्प के तौर पर कई नाम

भोपाल
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन में फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। मौजूदा अध्यक्ष कमलनाथ संगठन के साथ-साथ सरकार के मुखिया भी हैं, इसलिए दोहरी जिम्मेदारियों के चलते यह माना जा रहा है कि शीघ्र ही कांग्रेस संगठन को यहां नेतृत्व मिल सकता है। नए पीसीसी चीफ के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर अजय सिंह, रामनिवास रावत, बिसाहूलाल सिंह, मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व जीतू पटवारी के नाम की चर्चा है।

कांग्रेस संगठन में बदलाव को लेकर लगभग हर कार्यकर्ता चर्चा करने लगा है। सालभर पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तब से ही पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दूसरे किसी नेता को सौपने की अटकलें चल रही हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें पीसीसी अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया। अब लोस चुनाव खत्म हो गए और उनमें पार्टी का निराशाजनक प्रदर्शन हुआ तो देश के अन्य राज्यों की तरह मप्र में भी पीसीसी चीफ के इस्तीफे की अटकलें सरगर्म हैं।

बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की चर्चा में नए अध्यक्ष के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर है। उनके अलावा कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, जीतू पटवारी के अलावा विधायक बिसाहूलाल सिंह और वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के नाम भी चर्चा में हैं। रावत, सिंधिया खेमे के हैं तो पटवारी राहुल गांधी की टीम के माने जाते हैं। रावत को ओबीसी होने के नाते यह जिम्मेदारी दी जा सकती है तो पटवारी का रास्ता मंत्री होने के कारण इस पद के लिए बंद हो सकता है। उधर, आदिवासी चेहरे के तौर पर बिसाहूलाल सिंह को पीसीसी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बिसाहूलाल सिंह के नाम पर मुख्यमंत्री कमलनाथ सहमत नहीं होंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की उम्र 74 साल हो गई है। इस उम्र में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का काम संभाल पाना संभव नहीं। कमलनाथ ने भी अपनी तरफ से पीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। किसी दूसरे नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद सौंपना चाहिए। किसे सौंपना चाहिए, यह हाईकमान तय करेगा। इस पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक बड़ा चेहरा है, इस सवाल पर सिंह ने तंज कसा कि इस चुनाव मंे बड़े और छोटे चेहरे को जनता ने एक लाइन में खड़ा कर दिया है। साथ ही कहा कि वे इस पद को स्वीकार करेंगे भी या नहीं?

गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटना चाह रहे हैं। लोकसभा चुनाव की वजह से उन्हें नहीं हटाया गया था। अगला जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह लोकसभा चुनाव परिणामों से बने माहौल का पलटवार करने में सक्षम होगा। संगठन को मजबूत करेगा।

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