मध्यान्ह भोजन में शिक्षक डाल रहे थे डाका,कलेक्टर ने दो प्रधान पाठकों को किया सस्पेंड

मरवाही
शिक्षकों को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ शिक्षक अपने इस मान्यता को कलंकित करने में लगे हुए हैं। भ्रष्टाचार की बीमारी इन शिक्षकों के अंदर भी प्रवेश कर चुकी है इसलिए कुछ लोग भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं चूक रहे। हम बात कर रहे हैं मरवाही ब्लॉक के दो प्रधान पाठकों की, जिन्होंने बच्चों के लिए दिए गए मध्यान्ह भोजन के तहत वितरित की जाने वाली सामग्री में से आधे आधे किलो अनाज की चोरी की। चोरी की इस वारदात में शामिल दो प्रधान पाठकों लखनलाल कोटहा और सुशील चंद्र राय को कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने सस्पेंड कर दिया है और मरवाही ब्लॉक के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आर एस परस्ते को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

दरअसल लाकडाउन के चलते सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को उनके घर पर ही सूखा राशन पहुंचाने का काम शिक्षकों के माध्यम से किया जाएगा। शासन के इसी आदेश के तहत शिक्षक इन दिनों घर घर जाकर विद्यार्थियों को अनाज का वितरण कर रहे हैं । मरवाही ब्लॉक के गांव में निरीक्षण करने जब कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी पहुंची तो उन्होंने बच्चों को वितरित किए गए अनाज को दोबारा तौल कराया, तो इस बार का खुलासा हुआ कि बच्चों को आधा किलो चावल और आधा किलो दाल कम दिया जा रहा है।

कलेक्टर ने 2 गांवों में वितरित किए गए मध्यान्ह भोजन की जांच की तो पाया कि यहां पर लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर शिक्षकों ने निर्धारित मात्रा से कम राशन का वितरण किया। जिले के अंतिम छोर पर बसे गांव उषाड़ और महुआ नाका में यह गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। ऐसे समय में जब स्वयंसेवी संस्थाएं और  सरकार गरीबों को राशन पहुंचा कर मदद करने का अभियान छेड़े हुए हैं, ऐसे में प्रधान पाठक जैसे महत्वपूर्ण पद पर काम कर रहे लोग राशन की हेरा फेरी करें तो इससे बेहद शर्मनाक ही कहा जाएगा।

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