मक्का उत्पादन में छिन्दवाड़ा को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान

भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने छिन्दवाड़ा में दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल 2019 का शुभारंभ करते हुए कहा कि छिन्दवाड़ा को मक्का उत्पादन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले ने सोयाबीन के बाद मक्का उत्पादन में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। कमल नाथ ने कहा कि कृषि पर ही देश की संपूर्ण अर्थ-व्यवस्था निर्भर करती है। इसलिये उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती और किसानों की क्रय शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है।

      मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि हमने अथक प्रयासों से वर्ष 1979 के बाद छिन्दवाड़ा जिले में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने के लिये केन्द्र सरकार के आयल शीड मिशन को लागू किया। उन्होंने कहा कि किसानों ने सोयाबीन में क्रांति लाकर छिन्दवाड़ा जिले को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सोयाबीन उत्पादक जिलों में स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि कालांतर में सोयाबीन का बीमारी आदि कारणों से उत्पादन कम होने तथा उचित मूल्य नहीं मिलने पर हमने कृषकों को सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिये प्रेरित किया। जिले के किसानों ने मक्का की खेती के विकल्प को स्वीकार किया। कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले में औद्योगिक क्रांति के साथ ही कृषि के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल करने का हमारा वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं ताकि भावी पीढ़ी और नौजवान शहरों की ओर रूख नहीं करते हुए कृषि की उन्नत तकनीकों और आधुनिक पद्धति से जुड़कर खेती के क्षेत्र में क्रांति ला सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले खेतों में धोती और पैजामा वाले गरीब किसान ही नजर आते थे। हमारा सपना है कि जींस और टी-शर्ट वाले समृध्द किसान खेती करते नजर आयें। उन्होंने कहा कि देश में मक्का की खेती का भविष्य उज्जवल है। कमल नाथ ने कहा कि आज से 10 वर्ष पहले कृषि उत्पादन चुनौती हुआ करती थी। अब किसानों की मेहनत से पैदा हुए विपुल उत्पादन को सहेजना चुनौती है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिले और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि बने, इसके लिये सरकार सतत प्रयत्नशील है।

सांसद नकुल नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से छिन्दवाड़ा को कॉर्न सिटी के नाम से पूरे विश्व में नई पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छिन्दवाड़ा कॉर्न फेस्टिवल और अधिक भव्य होगा। उन्होंने कहा कि अब छिन्दवाड़ा जिले को शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाया जायेगा।

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने कहा कि किसानों को उच्चतम गुणवत्ता का खाद, बीज और अन्य कृषि आदान सुविधापूर्वक मिले तथा उपज का वाजिब मूल्य मिल सके, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्यप्रदेश को जैविक प्रदेश बनाने का कार्य शुरू किया है। इस दिशा में प्रथम चरण में एक हजार गौ-शालाएँ बनाई जा रही हैं। आगामी वर्षों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गौ-शालाएँ स्थापित करने के प्रयास किये जायेंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि छिन्दवाड़ा मक्का के क्षेत्र में प्रदेश का हब बने, इसके प्रयास किये जायेंगे। जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में कॉर्न फेस्टिवल के सांस्कृतिक मंडप में मेले का शुभारंभ किया। कॉर्न फेस्टिवल के लिये छिन्दवाड़ा जिले के 4 हजार 674 शासकीय विद्यालयों के बच्चों ने एक साथ एक दिन में पौने 3 लाख पेंटिंग बनाकर विश्व रिकार्ड स्थापित किया है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के साउथ एशिया प्रभारी आलोक कुमार ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को वर्ल्ड बुक रिकार्ड का प्रमाण-पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने चित्रकला प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ 12 पेंटिंग से बनाये गये कैलेंडर का विमोचन किया।

फार्म इको एप लांच

मुख्यमंत्री नेकॉर्न फेस्टिवल में आई.आई.टी. मुंबई के छिन्दवाड़ा निवासी छात्र प्रदीप शेंडे द्वारा निर्मित फार्म इको एप लांच किया। इस एप पर किसानों को शासन की योजनाओं, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह, मार्गदर्शन, बीज, कीटनाशक, खाद, उपज के परिवहन, उपज को रखने के लिये वेयर हाउस, किराये पर उन्नत कृषि यंत्र की उपलब्धता, कांट्रेक्ट फार्मिंग आदि के संबंध में सहज ही जानकारी नि:शुल्क उपलब्ध होगी।

इस मौके पर विधायक सर्वकमलेश प्रताप शाह, सुजीत सिंह चौधरी, निलेश उईके, विजय चौरे, सोहन बाल्मिक और सुनील उईके, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में मक्का उत्पादक किसान उपस्थित थे।

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