बल्लाकांड: जर्जर मकान टूटने का रास्ता साफ, HC ने कहा- किराएदारों को शेल्टर के बाद करें कार्रवाई

इंदौर
इंदौर का विवादित वो जर्जर मकान टूटने का रास्ता आज हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के आदेश के बाद साफ हो गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि उस मकान में रह रहे किराएदारों को दूसरी जगह शेल्टर देने के बाद ही निगम कार्रवाई करे. बता दें ये वही मकान है, जिसे ढहाने के विरोध में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम अफसर को बैट से पीटा था. कोर्ट ने कहा किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं.

इंदौर के गंजी कंपाउंड के जर्जर मकान को ढहाने के मामले की आज हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि उस मकान में रह रहे किराएदारों को दूसरी जगह शेल्टर देने के बाद ही निगम कार्रवाई करे. बाद में परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के तहत स्थाई आवास दे. हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. अगर कल को बारिश में मकान गिर गया तो निगम को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

इंदौर के इस बहुचर्चित मकान के मामले की सुनवाई कोर्ट नम्बर 9 में सुनवाई चल रही है. किराएदार की ओर से अधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने कोर्ट में दलील दी. नगर निगम की ओर से भी वकीलों ने अपना पक्ष रखा.

ये विवादित मकान आज तोड़ा जाना था. नगर निगम ने मकान तोड़ने का नोटिस भी लगा दिया था. मंगलवार सुबह 8 से शाम 5 बजे रिमूवल की कार्रवाई के दौरान किराएदार को हाजिर रहने के लिए कहा गया था. लेकिन सोमवार को फरियादी ने हाईकोर्ट में आवेदन लगा दिया. उसके बाद नगर निगम ने आज मकान तोड़ने की कार्रवाई स्थगित कर दी और अपनी जेसीबी मशीनें हटा लीं.

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