मंत्री बोले, इस बार ‘ताई’ से कांग्रेस छीन लेगी इंदौर की ‘चाबी’

इंदौर
लोकसभा चुनाव से पहले इंदौर की राजनीति में बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है| 30 साल से इस सीट पर कमल खिलने वाली सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने एक बार फिर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं| महाजन ने फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है और कहा कि मै अभी फिट हूं, इंदौर की चाबी संभाल सकती हूं, अभी भी इंदौर की छवि मेरे ही पास है| उनके इस बयान के बाद विरोधी खेमे से भी प्रतिक्रिया आ गई है| कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री जीतू पटवारी ने ताई के चावी वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का पंजा इस बार ताई से चावी चीन लेगा| वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पटवारी के बयान पर निशाना साधा है| 

दरअसल, इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के चुनाव लड़ने को लेकर बनी संसय की स्तिथि पर उन्होंने कहा था कि इंदौर की चाबी अभी मैं ही संभालूंगी. उन्होंने कहा कि अभी मैं पूरी तरह स्वस्थ्य हूं और जब उपयुक्त समय आएगा तभी इंदौर की चाबी किसी को दूंगी| सोमवार को जिला योजना समिति की बैठक में मीडिया से चर्चा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ताई के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह चाबी नहीं देगी तो उनके नाती पोते इस बार चाबी छीन लेंगे। पटवारी ने कहा कि आखिर उनको इस चाबी का इतना लालच क्यों है? उन्होंने तिजोरी में ऐसा क्या छुपा रखा है?…ताई का अपना सम्मान है लेकिन, इस बार कांग्रेस का पंजा उनसे चाबी छीन लेगा और इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत होगी। वहीं जीतू पटवारी के बयान पर भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार करते हुए कहा कि जिनमें संस्कार नही होते वो करते है इस तरह की बातें…जीतू पटवारी को अपने संस्कार के बारे में चिंता करनी चाहिए।

इंदौर भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है| तीस साल से लोकसभा चुनाव में हर बार यहां कमल खिलता रहा है| 1989 से इस सीट पर लगातार सुमीत्रा महाजन जीतती आ रही है। कांग्रेस यहां तीन दशक से जीत का स्वाद नहीं चख पाई है| लेकिन इस बार पार्टी विधानसभा चुनाव की जीत के बाद उत्साहित है और किसी भी सीट पर वॉकओवर नहीं देने के मूड में है| भाजपा के मजबूत गढ़ में इस बार कांग्रेस दमदार चेहरे के भाजपा के खिलाफ उतरने की तैयारी कर रही है| वहीं ताई ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार भी चुनाव लड़ेंगे और इंदौर की चावी वही संभालेंगी|  लोकसभा अध्यक्ष का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मध्य प्रदेश के ही विदिशा सीट से लोकसभा सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया था और यह बयान दिया था कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी. सुषमा स्वराज ने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया था| लेकिन ताई का कहना है कि वह अभी फिट हैं और छवि संभल सकती हैं| उनके इस बयान से भाजपा में इस सीट से दावेदारी कर रहे नेताओं को झटका लग सकता है| 

1989 में सुमित्रा महाजन ने यहां से पहला चुनाव लड़ा और फिर क्या था उसके बाद से तो यह सीट उन्हीं की हो गई| 1989 से लगातार वो यहां से सांसद हैं| 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था| सुमित्रा महाजन ने 1989 के चुनाव में कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया| बता दें सुमित्रा महाजन इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन विधानसभा चुनाव हार चुकी थीं| कांग्रेस ने उनको हराने की हर कोशिश की, लेकिन उसकी सारी कोशिश नाकाम ही साबित हुई| ताई के नाम से मशहूर सुमित्रा महाजन 8 बार से इंदौर की सांसद हैं| सुमित्रा इससे पहले 1982-85 में इंदौर महापालिका में पार्षद रह चुकीं हैं| 

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