मंत्री बनते ही कमल पटेल ने बराबर किया राजनीतिक हिसाब-किताब

भोपाल। मंत्री कमल पटेल के विधानसभा क्षेत्र हरदा में उनके धुर विरोधी रहे कांग्रेस नेता एकनाथ अग्रवाल से मंत्री पटेल ने अपना हिसाब बराबर कर लिया है। मंत्री बनते ही अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पटेल ने एकनाथ अग्रवाल को तीस साल की लीज पर दी गई सरकारी जमीन को सरकार को वापस करा दिया है। यह जमीन 6.43 एकड़ है जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में है। नगर पालिका ने नर्मदा जीनिंग फैक्ट्री के लिए कांग्रेस के कद्दावर नेता एकनाथ अग्रवाल और उनके छोटे भाई गोपालदास अग्रवाल के नाम से तीस साल के लिए जीज  पर दी थी। यह लीज 31 मार्च 2019 को समाप्त हो गई थी। नगर परिषद ने 24 अगस्त 2016 के संकल्प के अनुसार इस जमीन को फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। नगर पालिका ने बाद में इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। प्रस्ताव निरस्त हो जाने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने इस जमीन को फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव निरस्त करते हुए जमीन वापस लेने के निर्देश दिए थे। इस जमीन की लीज समाप्त हो चुकी है और उसका नवीनीकरण भी नहीं हुआ था। अब नगर पालिका ने यह जमीन अपने कब्जे में वापस लेते हुए इसका सीमांकन भी करा दिया है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों का निर्माण किया जाएगा।

लोकायुक्त में चल रही जांच
कमल पटेल जब मंत्री नहीं थे तब उन्होंने इस जमीन को नगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से फ्री होल्ड किए जाने की शिकायत लोकायुक्त में की थी। पटेल का कहना था कि लीज की भूमि का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं हो रहा था जिसके लिए वजह आबंटित की गई थी। इस मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए पटेल ने जमीन वापस लिए जाने की मांग की थी। लोकायुक्त इस मामले की जांच कर रहा है और तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी दिनेश मिश्र से इस मामले में पूछताछ की जा रही है।

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